आप फिल्ममेकर कैसे बने?
सोसायटी, इसमें होने वाली अच्छी बुरी एक्टिविटीज, न्यूजपेपर्स, पोलिटिक्स, बायोग्रॉफीजये कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिसकी वजह से मैं लिखने लगा और फिल्में बनाने लगा।
हम रस्टिक बैकग्राउंड्स और अनएक्सप्लोर्ड प्लॉट्स की ओर जा रहे हैं। क्या कहना है?
देखिए, बॉलीवुड फिल्म में अरबन और रूरल की बात बहुत ही उलझी हुई है। हर फिल्म जो दिल्ली या मुंबई में बनी हो उसे रस्टिक लेबल नहीं दिया जा सकता है। यह बिल्कुल भी मैटर नहीं करता है कि हम फिल्म की शूटिंग कहां कर रहे हैं। मेरे लिए स्टोरी इंपॉर्टेट है न कि प्लेस।
साहब बीवी और गैंग्स्टर्स रिटर्न्स के दौरान कैसे चैलेंजेस आए?
हर सिक्वेल में आप नए चेहरे लाते हैंमेरी इस फिल्म में इरफान खान नए थे जिसमें कुछ दिक्कतें आईं लेकिन सब हो गया।
वैसे इरफान के साथ आपकी ट्यूनिंग कैसी है?
हम दोनों नेशनल ड्रामा ऑफ स्कूल में साथ साथ पढ़े हैं। हम बहुत क्लोज हैं। एक दूसरे की बहुत रेस्पेक्ट भी करते हैं।
क्या आप टीवी पर फिर से जाना चाहेंगे?
टीवी की कोई लाइफ नहीं है। यह मीडियम पिछड़ रहा है। जब मैं टीवी कर रहा था तब चीजें कुछ और थीं अब सारा खेल टीआरपी का है। मैं अब 45 साल का हो गया हूं और इस पड़ाव पर आकर मैं कुछ ऐसी चीजें बनाना चाहूंगा जो याद रख सकूं।
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