- एसटीपी शुरू करने से पहले जलनिगम ने शुरू करा दिया सिल्ट की सफाई का काम

- विभागीय लापरवाही के चलते तीन महीने से अधर में लटका है प्रोजेक्ट

VARANASI

कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही से सरकार की प्राथमिकता वाले तमाम प्रोजेक्ट्स तय समय से लेट चल रहे हैं। ट्रांसवरुणा एरिया की सीवेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने और नदियों में पॉल्यूशन कम करने को लेकर गोइठहां में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी बनकर तैयार है, लेकिन पिछले तीन महीने से यूपी जलनिगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई सीवर की सिल्ट सफाई का काम पूरा नहीं कर सकी है। जबकि सीएम से लेकर प्रमुख सचिव तक लेटलतीफी पर जलनिगम के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं।

जून में शुरू होना था एसटीपी

दरअसल, जायका के सहयोग से जेएनएनयूआरएम के तहत गोइठहां में एसटीपी मई में ही बनकर तैयार हो गया था। जून में इसकी शुरुआत होनी थी। फ‌र्स्ट फेज में करीब दस हजार घरों का सीवर ट्रीट होना था, लेकिन गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने पांडेयपुर और उसके आसपास एरिया में सीवर की सिल्ट की सफाई का काम शुरू करा दिया, जो आज तक पूरा नहीं हो सका है। कई जगहों पर ब्रांच सीवर लाइन को मेन लाइन से नहीं जोड़ा जा सका है। इससे भी एसटीपी को चालू करने में प्रॉब्लम आ रही है।

कदम-कदम पर बरती लापरवाही

गोइठहां एसटीपी को शुरू करने में अफसरों ने कदम दर कदम लापरवाही बरती। कुछ महीने पहले बनारस आए केन्द्र सरकार के एक आला अधिकारी ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसरों से पूछा कि क्या सिल्ट सफाई का काम पहले नहीं हो सकता था? ब्रांच लाइनों को मेन सीवर लाइनों से अब तक क्यों नहीं जोड़ा गया? इसमें क्या दिक्कत आ रही है? दिक्कत को दूर करने के लिए क्या उपाय किए गए? इन सवालों का विभागीय अफसर कोई जवाब नहीं दे सके।

एग्रीकल्चर लैंड काे फायदा

गंगा वाटर पॉल्यूशन कम करने के लिए बने एसटीपी शुरू होने से रोज जितना मलजल शोधित होगा। उसका वाटर और अवशेष किसानों को दिया जाएगा, जो उनके एग्रीकल्चर लैंड को उर्वर बनाएगा। हालांकि किसानों को इसका निर्धारित मूल्य देना होगा। अफसरों के मुताबिक एसटीपी की क्षमता आगामी तीस वर्षो में बढ़ने वाली जनसंख्या के अनुपात में रखी गई है।

एक नजर

- 120 एमएलडी क्षमता है एसटीपी की

- 533 करोड़ है प्रोजेक्ट की लागत

- 39 एकड़ एरिया में बना है एसटीपी

- 300 एमएलडी सीवेज निकलता है सिटी में

गोइठहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है। एक मई को इसे शुरू कराना था, लेकिन सिल्ट की सफाई के चलते काम रुक गया। कोशिश है कि अगले महीने से एसटीपी का संचालन शुरू हो जाये।

एसके राय, जीएम, यूपी जलनिगम

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