- शहर की मुख्य सड़कों पर रहता आवारा जानवरों का कब्जा

- आए दिन राहगीरों के साथ हो रही दुर्घटनाएं

केस 1

महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक में तीन दिन पहले घर से समान लेने निकले मुकेश को सांड़ ने घायल कर दिया। घायल मुकेश को स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया जहां पता चला कि उसके हाथ में फ्रैक्चर है। डाक्टर्स के मुताबिक मुकेश अब महीनों तक हाथों का उपयोग सामान्य तरीके से नहीं कर पाएगा। मुकेश की चोट तो ठीक हो जाएगी, लेकिन दर्जनभर सांड़ अभी भी उस एरिया में मंदिर के पास जमे हुए हैं। यह कभी भी किसी और को अपना शिकार बना सकते हैं।

केस-2

शनिवार को महेवा से प्रेमचंद पार्क के बीच एक साइकिल सवार पर अचानक सांड़ ने हमला कर दिया। सांड़ की हुंकार सुन सवार ने खुद को बचा लिया लेकिन साइकिल पर सांड़ का पैर पड़ जाने के कारण उसे तुरंत मैकेनिक के पास ले जाना पड़ा। घटना के समय उपस्थित लोगों के मुताबिक साइकिल सवार की गलती केवल इतनी थी कि वह सांड़ को देखकर सतर्क नहीं हुआ। इत्तेफाक से यह घटना किसी दुर्घटना में नहीं बदली लेकिन रास्ते के आसपास चहलकदमी करने वाल दो दर्जन से अधिक आवारा जानवर कभी भी किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

GORAKHPUR: शहर में आवारा जानवरों की बढ़ती जा रही संख्या गोरखपुराइट्स के लिए सांसत बन गई है। आम रास्तों से लेकर वीआईपी रोड्स तक पर आवारा जानवरों के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। हाल के दिनों में आवारा जानवरों की संख्या तेजी से बढ़ी है, सड़कों पर जानवरों के कब्जे के कारण जाम तो लग ही रहा है, जानवरों के हमलों से लोग घायल भी हो जा रहे हैं। हालत यह है कि घोष कंपनी, मोहद्दीपुर, रायगंज, रेती चौक, हांसूपुर, रुस्तमपुर और यहां तक गोलघर व सिविल लाइंस में भी आवारा पशुओं ने राहगीरों का चलना दूभर कर दिया है। दूसरी ओर नगर निगम संसाधनों के अभाव में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम आवारा जानवरों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है।

गीडा में नहीं बनेगा कान्हा उपवन

गीडा में अस्थाई कान्हा उपवन को नगर निगम अब नहीं बनवाएगा। नगर निगम आवारा जानवरों को पकड़कर रखने के लिए महेवा मंडी के पीछे कान्हा उपवन बनवा रहा है। 8 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे कान्हा उपवन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके निर्माण के समय तक नगर निगम जानवरों को रखने के लिए गीडा में अस्थाई कान्हा उपवन के जल्द निर्माण की बात कह रहा था। लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मार्च तक स्थाई कान्हा उपवन का निर्माण हो जाएगा। ऐसे में 11 महीने के लिए बड़ा अमाउंट खर्च करना उचित नहीं होगा।

जानवरों को रखने की समस्या

शहर में आवारा जानवरों की तादाद काफी बढ़ गई है। जिन्हें रखने के लिए निगम के पास सुरक्षित जगह का अभाव है। कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने मार्च महीने तक निर्माण पूरा कराने का दावा किया है। फर्टिलाइजर स्थित कांजी हाउस में पहले से ही जगह का अभाव है। वहीं गीडा में बनने वाले अस्थाई कान्हा उपवन बनाने के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में निगम के सामने समस्या है कि वह जानवरों को पकड़ भी लेंगे तो रखेंगे कहां? जाहिर है ऐसे हालात मं फिलहाल अगले पांच महीने आवारा जानवरों की समस्या से लोगों को जूझना पड़ेगा।

बॉक्स

मंगा ली एक और गाड़ी

नगर निगम ने आवारा जानवरों से शहर की सड़कों को मुक्त कराने के लिए फिर से अभियान चलाने की तैयारी कर ली है। अभी तक निगम के पास जानवरों को पकड़ने के लिए केवल एक ही गाड़ी थी। जिसके कारण बड़े स्तर पर जानवरों के खिलाफ अभियान चलाने में मुश्किल हो रही थी। निगम ने हाल ही में एक और गाड़ी मंगा ली है। सोमवार से शहर की सड़कों पर दोनों गाडि़यों से अभियान चलाया जाएगा।

वर्जन

आवारा जानवरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। रविवार को भी पांच सांड़ पकड़े गए हैं। नवरात्रि में रात के समय सड़कों पर भीड़ बढ़ जा रही थी जिससे अभियान की रफ्तार धीमी थी। एक और गाड़ी मंगा ली गई है, अब अभियान को तेज गति से चलाया जाएगा।

- संजय शुक्ला, संयुक्त नगर आयुक्त