- शहर में बढ़ रही है आवारा कुत्तों की तादाद, सड़क से गलियों तक इनके आतंक से हर कोई है त्रस्त

- निगम के पास ही मौजूद रहती है कुत्तों की पूरी फौज लेकिन अधिकारियों की आंखें हैं बंद

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सीन-1

नगर निगम मुख्यालय का नजारा शुक्रवार की दोपहर भी रोज जैसा था। आवारा पशुओं को पकड़ने वाली टीम अंदर आराम फरमा रही थी और आधा दर्जन कुत्ते बाहर मौज कर रहे थे। उधर से गुजरने वाले बच-बचाकर ही जा रहे थे। उन्हें डर सता रहा था कि कहीं कुत्तों के नुकीले दांत उनके बदन में न गड़ जाएं।

सीन-2

कचहरी रोड पर सैकड़ों की भीड़ है। कोई अपने मुकदमे की सिलसिले में भागदौड़ कर रहा है। कोई अपनी फरियाद लेकर प्रशासनिक अधिकारी के पास पहुंचने को बेकरार है। लेकिन रास्ते में मौजूद आवारा कुत्ते सभी के लिए भय का कारण बने हुए हैं। जरा सी चूक हुई नहीं कि इनका शिकार हो जाएंगे। जबकि इस एरिया में कमिश्नर आवास डीएम, एसएसपी कार्यालय तक मौजूद हैं।

ये दो सीन ये बताने के लिए काफी हैं कि अपने शहर बनारस में सांड़ की ही तरह आवारा कुत्तों का भी आतंक है। छुट्टा जानवरों के आई नेक्स्ट के अभियान के क्रम में सांड़ों के बाद हम आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान शहर की व्यथा को सामने रख रहे हैं। इससे हर कोई परेशान है। बस यही कहता है कि इन कुत्तों से कोई बचाओ लेकिन प्रशासनिक सपोर्ट न मिलने के कारण इनका आतंक झेलने पर मजबूर है।

सुबह हो या रात हर वक्त उत्पात

- शहर में आवारा कुत्तों की संख्या पांच हजार से ज्यादा है

- इनके नुकीले दांत हर रोज दर्जनों को अपना निशाना बनाते हैं।

-गवर्नमेंट और प्राइवेट हॉस्पिटल में डेली डॉग बाइट के केस पहुंचते हैं

- सड़क, कॉलोनी और पक्के महाल की गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक है

- सुबह के वक्त ये सड़कों पर डेरा जमाये बैठे रहते हैं

- बीच सड़क पर अचानक से आने के कारण हादसे भी होते हैं

- बच्चों को अक्सर को अपना निशाना बनाते हैं

- रात के वक्त भी रास्तों पर जमा कुत्तों से कोई बच नहीं पाता है

आस्था से जुड़ा मामला

- बनारस में कुत्तों को भैरव का वाहन मानते हैं

- जिसके कारण बहुत से लोग इनसे गहरी आस्था रखते हैं

- यही वजह है कि इनकी धरपकड़ निगम नहीं कर पाता

-आमतौर पर कुत्तों को पकड़ने के लिए कठोर तरीका अपनाना पड़ता है

- जिसका विरोध लोग करने लगते हैं

- जिसके कारण इनको पकड़ने में निगम भी इंटरेस्ट नहीं लेता

- इस वजह से इनकी तादाद तेजी से बढ़ रही है

हर ओर है आतंक

- हर इलाके में है आतंक

- कचहरी, पाण्डेयपुर, पहडि़या, नदेसर, तेलियाबाग, लहुराबीर, मलदहिया, नई सड़क, गोदौलिया, सोनारपुरा समेत कई इलाकों में इनका आतंक है

- इनके अड्डों में अब पाण्डेयपुर फ्लाईओवर, चौकाघाट और ककरमत्ता फ्लाईओवर भी शामिल हो गए हैं

- शहर के पक्के महाल की गलियों में आवारा कुत्तों का जबरदस्त उत्पात है

आवारा कुत्तों के कारण दिक्कतें बहुत ज्यादा होती हैं। रात भर इनके भौंकने की आवाज से नींद खराब हो जाती है। इनको शहर से हटाने के लिए कुछ करना चाहिए।

मोहित दूबे, चौक

आवारा कुत्तों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी है। हर सड़क, गली हर जगह ये दिखाई देते हैं। ये किसी को भी अपना निशाना बना लेते हैं।

भूपेन्द्र नाथ मोहले, मैदागिन

आवारा कुत्तों पर निगम को नकेल कसनी चाहिए लेकिन निगम इनको पकड़ने के लिए कोई अभियान कभी नहीं चलता है। जिसके कारण ये बेखौफ होकर टहलते हैं।

सोनू पटेल, अंधरापुल