- कई ऐसे इलाके जहां इन स्ट्रीट डॉग्स से परेशान हो रहे हैं लोग

- शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, लोग खुद संभालते हैं कमान

LUCKNOW: एक तरफ सिटी में स्ट्रीट डॉग लवर्स की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर स्ट्रीट डॉग से लोग परेशान भी हैं। हम किसी की भावना को आहत नहीं पहुंचाना चाहते। हमारी खबर उनके साथ है जो इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं। जिनकी न तो डिपार्टमेंट सुनता है और न ही कोई ऐसी संस्था है, जो स्ट्रीट डॉग की समस्या से निजात दिला सके। हम केवल आवाज हैं, अगर एक भी एरिया की प्रॉब्लम बिना स्ट्रीट डॉग को नुकसान दिए सॉल्व हो जाती है, तो वह हमारी जीत होगी।

अचानक कर देते हैं हमला

रकाबगंज, नक्खास, नाका हिंडोला, मवईया यह कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां के स्थानीय लोग स्ट्रीट डॉग से काफी परेशान हैं और इस समस्या से रोजाना जूझते हैं। इन एरिया में रहने वालों लोगों का यही कहना है कि रात में अगर आप यहां से गुजरें तो जरा संभल कर। क्योंकि चाहे आप पैदल हों या किसी व्हीकल से, स्ट्रीट डॉग अचानक आपको दौड़ा सकते हैं। झुंड में होने के चलते कई बार लोग इनके हमले का शिकार बन चुके हैं। लोगों का यह भी कहना है कि एक हफ्ते में यहां डॉग बाइट के कई केसेज मिल जाएंगे।

सुरक्षा के लिए उठाना पड़ता है डंडा

सिटी का ही एक मोहल्ला है, वजीरगंज का नालारथ खाना मोहल्ला। यहां स्ट्रीट डॉग से लोग इस कदर परेशान हैं कि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए मजबूरन डंडे और ईट का यूज करना पड़ेगा। इस एरिया के लोगों का भी कहना है कि उनका उद्देश्य किसी जानवर को नुकसान पहुंचाना नहीं है, लेकिन खतरे से बचने के लिए हाथ में डंडे और ईट पत्थर उठाना पड़ता है।

शिकायत की तो आश्वासन मिला

सिर्फ ये मोहल्ले ही नहीं हैं, बल्कि सिटी के कई ऐसे गली और मोहल्ले हैं, जहां स्ट्रीट डॉग से लोग परेशान हैं। इसके लिए उन्होंने कई बार नगर निगम और स्थानीय पार्षद से शिकायत भी की। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों की ओर से स्थानीय निवासियों को समस्या दूर करने का आश्वासन नहीं मिला। अधिकारियों ने आश्वासन तो दिया मगर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। डिपार्टमेंट की हीलाहवाली के चलते स्थानीय लोग भी कुछ नहीं कर पाते।

रात होते ही शुरू हो जाता है शोर

कई इलाकों में रात होते ही इन स्ट्रीट डॉग्स का शोर शुरू हो जाता है। सड़क से कोई गुजरता है तो समझिए इनका शोर शुरू। ऐसा बदस्तूर पूरी रात जारी रहता है। बात यहां खत्म नहीं होती। जब ये स्ट्रीट डॉग्स गु्रप में अपने एरिया को लेकर दूसरे स्ट्रीट डॉग्स से भिड़ना शुरू होते हैं तो शोर का आलम और भी बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों की नींद तो टूटती ही है, कभी-कभी लोग अपने घर से निकल आते हैं।

रथखाना मोहल्ले में लोगों का घर से निकला मुश्किल है। वहां सिर्फ आने-जाने वाले लोग ही नहीं, दूर एरिया में रहने वाले लोग भी परेशान रहते हैं। आए दिन ये स्ट्रीट डॉग्स लोगों को दौड़ाते हैं और कई बार काट भी चुके हैं।

- मुन्ना

नगर निगम से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई एक्शन ही नहीं लिया जाता। घरों के बाहर गंदगी फैलाने के साथ ही वह हमलावर भी होते है। कई बार रात में बाहर निकलने के लिए डंडे और ईट का सहारा लेना पड़ता है।

- सुरेश कुमार

गली में एक या दो स्ट्रीट डॉग परेशानी का सबब नहीं होते हैं, लेकिन जब दर्जनों झुंड बनाकर रहते हैं तो हर कोई परेशान हो जाता है। बाइक हो या फिर पैदल स्ट्रीट डॉग हर किसी को दौड़ाते हैं। शिकायत करें भी तो कोई सुनने वाला नहीं।

- आशुतोष

बहुत से लोग कहते है कि स्ट्रीट डॉग जानवर हैं और जानवरों के साथ गलत व्यवहार न करें। जब वह इंसान के लिए खतरनाक हो जाएं तो आखिर लोग क्या करें। जो यह बात कहते हैं, उन्हें हमारी परेशानी के बारे में जानकारी नहीं है। वह एरिया में आकर आए दिन होने वाली दिक्कतों से रुबरु हों, तभी जान सकेंगे क्या है प्रॉब्लम।

- मनोज कुमार