- बांकीपुर सर्किल के ऑफिसर तक को कर दिया गया सस्पेंड

- अशोक राजपथ, कदमकुआं, बोरिंग रोड, गर्दनीबाग एरिया से लेकर पटना सिटी तक की सड़क पर रहता है राज

- कई बार चलाया गया स्पेशल ड्राइव लेकिन रोड से नहीं हटाए जा सके आवारा पशु

- स्ट्रीट डॉग की भी संख्या शहर की पॉपुलेशन से हो गयी है दुगुनी

PATNA : शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं का राज है। इसकी जानकारी निगम के पास है और निगम इसको हटा सकने में बिलकुल नाकाम है। लिहाजा सड़कों पर चलने वाले आम लोगों को जाम के साथ-साथ इन आवारा पशुओं से भी बचकर निकलना पड़ता है। क्योंकि अगर लापरवाही हुई तो एक्सीडेंट भी हो सकती है। यह नजारा देखना अशोक राजपथ, कदमकुआं, बोरिंग रोड, गर्दनीबाग, राजाबाजार बेली रोड एरिया से लेकर पटना सिटी तक की सड़कों पर आम बात है। क्योंकि यहां पर आवारा पशुओं को खुला छोड़ दिया जाता है। इसके ठिकाने लगाने के लिए डेढ़ साल पहले बांकीपुर सर्किल के ऑफिसर पर कार्रवाई भी की गयी थी। इसके बावजूद कारगिल चौक से लेकर पूरा अशोक राजपथ आवारा पशुओं के जमघट के बीच से होकर ही ट्रैफिक निकलता है।

दूध निकाल कर छोड़ देते हैं सड़कों पर

दरअसल अशोक राजपथ और कदमकुआं सहित शहर की एक दर्जन से अधिक सड़कों पर आवारा पशुओं को खुद उसके मालिक ही आकर छोड़ देते हैं। सुबह और शाम बीच सड़क पर ही दूध निकाला जाता है और फिर रात भर के लिए छोड़ दिया जाता है। ऐसा जगह की कमी की वजह से करते हैं और इसका खामियाजा हर दिन रोड पर चलने वाले हजारों पटनाइट्स को भुगतना पड़ रहा है।

स्ट्रीट डॉग भी करती परेशान

डॉग बाइट और रोड एक्सीडेंट की वारदात पर अगर नजर डालें तो इसकी सबसे बड़ी वजह स्ट्रीट डॉग है। जो अचानक से सामने आ जाता है, किसी पर भौंकने लगता है। इस पर भी पिछले कई सालों से निगम का कोई कंट्रोल नहीं रहा है। जबकि निगम कर्मी खुद बताते हैं कि स्ट्रीट डॉग की नसबंदी सहित कई योजनाएं होने के बाद भी इस पर काम नहीं हो पाता है। स्ट्रीट डॉग बाइट की वजह से हर साल पीएमसीएच में सैकड़ों वाइल मेडिसीन की खपत होती है।

निगम के नियम कागजों पर

शहर के आवारा पशुओं को हटाने का काम भी निगम का है। बावजूद निगम की ओर से पिछले दो सालों में किसी भी तरह का कदम नहीं उठाया गया है। लिहाजा सड़कों पर आवारा पशुओं की तादाद दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। निगम पर काम करने वाले मनोज लाल दास मन्नू ने बताया कि निगम की लापरवाही से इस तरह की घटना हो रही है और इस पर कंट्रोल अब तक नहीं हो पाया है। खटाल तक को खत्म करने की बात की जाती रही है, लेकिन खटाल तो दूर जानवर तक नहीं हटा पाते हैं।

स्ट्रीट डॉग की नसबंदी तक नहीं

स्ट्रीट डॉग की नसबंदी और उसे शहर से बाहर हटाने का काम भी निगम के जिम्मे है। भगाना तो दूर नसबंदी तक नहीं करवाते हैं। लिहाजा बढ़ती आवारा पशुओं की संख्या से पटनाइट्स परेशान हैं। वेटेरिनरी डॉ। जितेंद्र कुमार ने बताया कि आवारा पशु जानलेवा होते हैं। प्रॉपर वैक्सीनेशन नहीं होने की वजह से प्राब्लम और भी बढ़ जाती है।

निगम का कोई अरेंजमेंट नहीं

निगम आवारा पशुओं को लेकर काफी बेफिक्र है। निगम को चाहिए कि ऐसे आवारा पशुओं के लिए कुछ अरेंजमेंट करे और वहां ले जाकर इन जानवरों को रखे, साथ ही निगम एरिया से स्ट्रीट डॉग को भी फौरन हटाया जाना चाहिए। एक्टिविस्ट मनोज लाल दास मन्नू ने बताया कि इस तरह के कदम निगम सालों पहले उठाया करता था, लेकिन इन दिनों बिलकुल शिथिल पड़ा है।