- बंदरों के हमले से कई यात्री हो चुके हैं घायल

BAREILLY:

बरेली जंक्शन पर बंदरों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। जंक्शन के दोनों फुट ओवर ब्रिज पर बंदरों के झुंड सुबह-शाम आकर बैठ जाते हैं। पलक झपकते ही यात्रियों पर हमला कर देते हैं। कुछ दिनों से जंक्शन पर बंदरों की संख्या अधिक दिखाई दे रही है। दिन में गर्मी से बचने के लिए बंदर फुट ओवरब्रिज पर आकर बैठ जाते हैं। यात्रियों को बंदरों द्वारा काटे जाने की कई शिकायत भी मिल चुकी हैं। हालांकि, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बंदरों को पकड़वाने के लिए कई बार नगर निगम को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन नगर निगम ने कोई संज्ञान नहीं लिया।

स्ट्रीट डॉग्स का जमावड़ा

वहीं स्ट्रीट डॉग्स का जंक्शन पर जमावड़ा लगा रहता है। इंक्वॉयरी काउंटर से लेकर टिकट काउंटर और प्लेटफार्म पर डॉग्स टहलते हुए मिल जाएंगे। खाने-पीने की ठेली के पास भी हर वक्त बैठे रहते हैं। जो कि कई बार यात्रियों पर अटैक कर चुके हैं।

गाय और बकरी का डेरा

बंदर और स्ट्रीट डॉग के अलावा बकरियों का झुंड और गाय टहलती मिल जाएंगी। जंक्शन पर डेरा जमाए घुमंतू जाति के लोगों ने बकरियां पाल रखी हैं। जो कि उन्हें चरने के लिए खुला छोड़ देते हैं और वह टहलते ही प्लेटफार्म पर आ जाती हैं।

यात्रियों की बढ़ी मुसीबत

आवारा जानवरों और बंदरों पर रोक नहीं लगने से जंक्शन आने वाले यात्रियों की मुसीबत बढ़ गई है। बंदरों और स्ट्रीट डॉग्स के काटने पर उन्हें इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल या फिर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। क्योंकि, रेलवे हॉस्पिटल में इलाज की व्यवस्था ही नहीं है।

बंदर भगाना डीआरएम की जिम्मेदारी

जंक्शन पर घूम रहे गाय, बंदर, कुत्ता और अन्य जानवरों को हटाने की जिम्मेदारी डीआरएम की है। इस बारे में मैं कुछ भी नहीं कह सकता हूं। जो भी जानकारी है डीआरएम ही दे सकते है।

ओपी मीना, एसएस, बरेली जंक्शन

पूड़ी सब्जी खरीदकर बेटे के साथ जा रहा था। अचानक से बंदर ने झपट्टा मारकर खाना छीन लिया। बंदर के हमले से वह सकपका गए। बच्चा गिर गया।

विनायक भारद्वाज, यात्री

प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़ा होकर परिवार के साथ ट्रेन आने का इंतजार कर रहा था। तभी एक कुत्ता दौड़ता हुआ आया और अचानक हमलावर हो गया। लोगों ने शोर मचाया, तो वह भागा।

अनुराग भारती, यात्री