नियम की अनदेखी

एमवी एक्ट के मुताबिक, व्हीकल जब शोरूम से निकलकर रोड पर आता है तो उसका रजिस्ट्रेशन नंबर, इंश्योरेंस, डीएल होना चाहिए। इन डॉक्यूमेंट्स के बिना डीलर की यह जिम्मेदारी बनती है कि व्हीकल की डिलीवरी कस्टमर को ना करें। लेकिन ये प्रैक्टिस फॉलो नहीं की जा रही। शोरूम ओनर बिना रजिस्ट्रेशन के ही व्हीकल्स की डिलीवरी कर रहे हैं। इसको लेकर कुछ दिन पहले कैबिनेट ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर दुर्गा प्रसाद यादव ने नाराजगी भी जाहिर की थी। एक अनुमान के मुताबिक, शहर में टू व्हीलर के 9 शोरूम से पर मंथ 3,700 बाइक की डिलीवरी की जा रही है। वहीं कार के मामले में ये आंकड़ा पर मंथ करीब 500 का है।

होती है problem

शोरूम से व्हीकल निकलने के बाद महीनों तक उनका रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। डीलर प्रॉफिट के चक्कर में खुद ही व्हीकल का रजिस्टे्रशन कराने पर जोर देते हैं। इसमें काफी वक्त लगता है। व्हीकल का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से तमाम प्रॉब्लम्स सामने आती हैं। ऐसे व्हीकल का एक्सीडेंट होने पर उसके ओनर के बारे में पता नहीं चल पाता। व्हीकल चोरी होने या फिर उसका मिसयूज होने पर सटीक जानकारी नहीं मिल पाती।

Trade licence होगा cancel

अधिकारियों ने क्लीयर इंस्ट्रक्शंस दिए हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन के व्हीकल रोड पर पकड़ा जाए तो सबसे पहले डीलर का टे्रड लाइसेंस कैंसिल किया जाए। व्हीकल चलाने वाले के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाए। ट्रेड लाइसेंस आरटीओ की ओर से एक साल के लिए इश्यू किया जाता है। एक साल बाद इसका आरटीओ ऑफिस से रिन्यूवल कराना होता है। इसका चार्ज रजिस्ट्रेशन फीस के बराबर होता है। जैसे कार के लिए 200 रुपए और टू व्हीलर के लिए 60 रुपए है। बिना टे्रड लाइसेंस के व्हीकल्स की सेल नहीं की जा सकती।

Process नहीं करते follow

शोरूम से गाड़ी डिलीवर होने से पहले कस्टमर की आईडी, इंश्योरेंस कॉपी, इन्वॉइस की कॉपी, सेल लेटर की कॉपी और इंजन नंबर आरटीओ में जमा करना होता है। इसकी रेस्पॉन्सिबिलिटी शोरूम ओनर की होती है। हालांकि शोरूम ओनर्स इस प्रोसेस को फॉलो नहीं कर रहे हैं।

डेली 35 गाडिय़ों का registration

श्राद्ध होने के बावजूद फिलहाल आरटीओ ऑफिस में पर डे 30 से 35 व्हीकल्स के परमिट जारी किए जा रहे हैं। जबकि नॉर्मल डेज में ये संख्या 100 से भी अधिक होती है। आरटीओ ऑफिस में परमिट का काम देख रहे शिवजी का कहना है कि परमिट जारी होने में दो से तीन दिन का टाइम लगता है।

'बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ी की डिलीवरी नहीं की जा सकती। डीलर को एक-दो बार वॉर्निंग देने के बाद लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा। एमवी एक्ट के तहत जुर्माने का भी प्रावधान है.'

आरके वर्मा, एआरटीओ, एडमिनिस्ट्रेशन