JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को रात भर इलाज के लिए भटकना पड़ा। मरीजों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए रात 12.30 बजे सीनियर चिकित्सकों को फोन गया कि वार्ड में एक भी नर्स मौजूद नहीं है। ऐसे में मरीजों को दवा व स्लाइन चढ़ाना भी मुश्किल हो गया है। सोमवार को मरीजों की भीड़ अधिक थी। इससे स्थिति और भी विकट हो गई। आनन-फानन में एडीसी सौरव सिन्हा पहुंचे और आउटसोर्स कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने को कहा। इस पर कर्मचारियों ने कहा कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वह हड़ताल पर बैठे रहेंगे। इसके बाद अधीक्षक चैंबर में एडीसी ने एडवांस, श्रीराम इंटरप्राइजेज कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधि व आउटसोर्स कर्मचारियों को समझौता के लिए बुलाया। इस दौरान डेढ़ घंटे तक समझौता मीटिंग चली। इसमें आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग सूनी गई और उसे जल्द से जल्द दूर करने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल तोड़ दिया। अस्पताल के 350 कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी। हालांकि, अधीक्षक डॉ। एसएन झा ने इसके भरपाई के लिए स्थायी नर्सो की छुट्टी रद कर दी थी। इसके बावजूद मरीजों की परेशानी को कम नहीं किया जा सका। एमजीएम में 274 की बजाए सिर्फ 47 स्थायी नर्स की तैनात है।

दवा व इंजेक्शन के इंतजार में बैठे रहे मरीज

हड्डी रोग वार्ड में भर्ती चंद्र मोहन को दोपहर करीब ढ़ाई बजे तक न तो कोई दवा मिली थी और न ही इंजेक्शन। जबकि उसे नियमित समय पर दवा व इंजेक्शन देना है। चंद्र मोहन के परिजनों ने बताया कि बीते रात से ही नर्स ड्यूटी रूम पर ताला लटका हुआ है। सुबह करीब 10 बजे नर्से आई तो कुछ मरीजों को दवा दी जा सकी। नर्सो की संख्या कम होने की वजह से बारी-बारी मरीजों को दवा दी जा रही थी। वहीं मनु महतो भी दर्द से परेशान था लेकिन उन्हें दोपहर तक दवा नहीं मिल सकी थी।

समझौता में लिए गए निर्णय

- पूर्व में हुए एग्रीमेंट के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को 2017 का बोनस तभी मिलेगा जब कंपनी को आवंटन मिलेगा।

- वर्ष 2016 का बोनस अगर कुछ कर्मचारियों को कम मिला है तो उसे दुरूस्त कर लिया जाएगा।

- सभी कर्मचारियों को मिलेगा ईएसआई कार्ड। इसके लिए सभी को आधार कार्ड व संबंधित कागजात जमा करने को कहा गया है।

- पीएफ व ईएसआई सुविधा की उच्चस्तरीय जांच चल रही है। इसलिए रिपोर्ट का इंतजार करने को कहा गया।

अगले 15 दिनों में नहीं मिली सुविधा तो फिर होगा हड़ताल

असंगठित मजदूर संघ के सचिव भागवान जी दूबे ने बताया कि समझौता में जो भी आश्वासन मिला है उसे अगर 15 दिनों में पूरा नहीं किया गया तो वे लोग फिर से आंदोलन करेंगे।

अस्पताल में धरना-प्रदर्शन करना अवैध

एमजीएम अधीक्षक डॉ। एसएस झा ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों की जो मांग थी उसपर उच्चस्तरीय जांच चल रही है। इसके बावजूद भी वे लोग हड़ताल पर चले गए। अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन करना अवैध है। फिर भी वे लोगों ने किया। उनकी जो शिकायतें थी उसे लेकर मैंने कहा कि आप लोग लिखित दीजिए मैं कार्रवाई के लिए विभाग को भेज दूंगा।

ये विभाग रहे प्रभावित

आउटसोर्स कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से इमरजेंसी विभाग, महिला एवं प्रसूति विभाग, ऑपरेशन थियेटर, लेबल रूम, एनआइसीयू-पीआइसीयू, शिशु रोग विभाग, मेडिसीन विभाग, सर्जरी विभाग, हड्डी रोग विभाग सहित अन्य प्रभावित रहा।