- आज से यूनिवर्सिटी के कर्मचारी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहेंगे

- यूनिवर्सिटी का काम होगा बाधित, पहले ही कर्मचारियों की कमी

- परमानेंट व डेलीवेज वाले सभी रहेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

- कुछ साल में शिक्षामित्र पक्के हुए, इनका आजतक कुछ नहीं हुआ

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर से लेकर कर्मचारियों तक की भारी कमी है। इसके बाद भी यूनिवर्सिटी बस चल रही है। करोड़ों रुपए टेंडर के लिए खर्च कर दिए जाते हैं, लेकिन कर्मचारियों और प्रोफेसर्स की भर्ती के लिए कुछ नहीं हो रहा। खास बात तो ये कि परमानेंट कर्मचारी रिटायर होते गए और उनके उनके पद भी खत्म हो गए। सालों से डेलीवेजेज वाले कर्मचारी इस यूनिवर्सिटी की कमान संभाले हुए हैं। जो पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी के सभी परमानेंट और डेलीवेजेज कर्मचारी मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।

यह है सीन

यूनिवर्सिटी में तत्कालीन वीसी आरपी सिंह के समय में साढ़े पांच सौ अस्थायी कर्मचारी रखे गए थे। जिन्हें एक निश्चित दैनिक वेतन दिया गया। इनको करीब बारह साल से अधिक हो गए और आजतक परमानेंट का तमगा नहीं मिला। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में करीब डेढ़ सौ पद फोर्थ क्लास के कर्मचारियों के खाली पड़े हैं। जो आजतक भरे नहीं गए। इसके साथ ही करीब सौ पद थर्ड क्लास कर्मचारियों के खाली है। इस पूरी यूनिवर्सिटी में केवल 8ख् परमानेंट कर्मचारी हैं।

रिटायरमेंट के साथ पद खत्म

यूनिवर्सिटी में चतुर्थ क्लास कर्मचारी जैसे-जैसे रिटायर्ड होते रहे वैसे ही उनके पद भी खत्म हो गए। जहां माली, सफाई कर्मी और चौकीदार के पक्के पद होते थे अब वे यूनिवर्सिटी ने एकदम खत्म कर दिए हैं। यह सबक काम आउट सोर्स से कराया जा रहा है। इसके साथ ही शासन स्तर पर यूनिवर्सिटी में फोर्थ क्लास के कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है। अब यूनिवर्सिटी में जो भी लोग इन पदों को संभाल रहे हैं वे डेलीवेजेज वाले हैं। जो पक्का होने की उम्मीद लिए लेकर चल रहे हैं। इनका मानना है कि जब शिक्षा मित्रों को पक्की नौकरी मिल सकती है तो उनको क्यों नहीं मिल सकती।

अनिश्चित कालीन हड़ताल

मंगलवार को उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले परमानेंट कर्मचारी और डेली वेजेज वाले सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। सीसीएसयू कर्मचारी कल्याण परिषद के मंत्री प्रेमनाथ शुक्ला का कहना है कि सरकार से उन्होंने अपनी मांगे रखी थीं। जिसका आजतक निराकरण नहीं हुआ। रिटायरमेंट के बाद जो तीन सौ दिन का पैसा मिलता था वह नहीं मिल रहा है। यह मांग प्रमुख रहेगी। वहीं डेलीवेजेज कर्मचारियों की भी अपनी मांगे हैं। इसके लिए सभी लोग एक मंच पर आकर अपनी मांगों के लिए हड़ताल करेंगे।