इस महोत्सव की भी टाइम लिमिट फिक्स्ड है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले तक का ही पूरा खेल है। कर्मचारी जानते हैं कि गवर्नमेंट पर प्रेशर बनाने का ऐसा मौका अगले चुनाव से पहले नहीं मिलने वाला है। तभी एक के बाद एक सभी संगठन आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।

<इस महोत्सव की भी टाइम लिमिट फिक्स्ड है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले तक का ही पूरा खेल है। कर्मचारी जानते हैं कि गवर्नमेंट पर प्रेशर बनाने का ऐसा मौका अगले चुनाव से पहले नहीं मिलने वाला है। तभी एक के बाद एक सभी संगठन आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।

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बैंक के बाद अब केन्द्रीय कर्मचारी स्ट्राइक पर

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बैंक के बाद अब केन्द्रीय कर्मचारी स्ट्राइक पर

-ElectionElection के ठीक पहले शुरू हुआ कर्मचारियों की हड़ताल का सिलसिला

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-AUAU और उससे संबद्ध कॉलेजों के कर्मचारी भी गए हड़ताल पर

-आने वाले दिनों में यूपी गवर्नमेंट के कर्मचारियों और शिक्षकों की हड़ताल है प्रस्तावित

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-आने वाले दिनों में यूपी गवर्नमेंट के कर्मचारियों और शिक्षकों की हड़ताल है प्रस्तावित

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: मौका देखकर चौका मारने का रिवाज पुराना है। सेंट्रल गवर्नमेंट के हों या बैंक अथवा स्टेट गवर्नमेंट के कर्मचारी या फिर परमानेंट जॉब की आस संजोने वाले। सभी ने लोक सभा चुनाव को कैश करने की पूरी तैयारी कर रखी है। तभी तो चुनाव की घोषणा होने के दिन नजदीक आने के साथ ही कर्मचारियों का आंदोलन गति पकड़ने लगा है। सबको पता है कि यही वह समय है जब सरकार कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहेगी। इसीलिए उन्होंने एक के बाद एक करके आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।

नवंबर से चल रहा है सिलसिला

लोकसभा चुनाव की आहट होते ही हड़ताल का सिलसिला चल पड़ा है। शुरुआत नवंबर ख्0क्फ् में स्टेट कर्मचारियों की हड़ताल से हुई थी। राज्य कर्मचारी अधिकार मंच के बैनर तले हुई यह हड़ताल क्ख् से ख्फ् नवंबर तक चली थी। क्0 और क्क् फरवरी को अपनी मांगों को लेकर बैंकों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। इसमें देशभर के दस लाख कर्मचारियों ने भाग लिया। इलाहाबाद में तो हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने प्राइवेट बैंकों में भी कामकाज ठप करा दिया। हड़ताल की शुरुआत में संडे पड़ जाने से सोमवार की शाम को ही शहर के 80 फीसदी एटीएम खाली हो गए थे। वेडनसडे को बैंक खुलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

यूनिवर्सिटी-कॉलेज भी अछूते नहीं

क्0 फरवरी से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध दस कॉलेजों के लगभग एक हजार कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके पहले क्म् दिनों से उनका क्रमिक अनशन चल रहा था। इस हड़ताल से स्टूडेंट्स को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नान टीचिंग के साथ-साथ टीचिंग का काम भी प्रभावित हो रहा है। कॉलेजों में क्लासेज नहीं चल रही हैं। डिग्री की चाहत में स्टूडेंट्स भटक रहे हैं।

ये हैं मुख्य मांगें

-कर्मचारियों को केंद्रीय शासनादेशों का लाभ दिया जाए।

-एसीपी और एमएसीपी का लाभ दिया जाए।

-रिक्त पदों पर दैनिक वेतनभोगियों को रेगुलर करने के साथ नई भर्तियां भी की जाएं।

-कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए।

अब केंद्रीय कर्मचारियों ने खड़े किए हाथ

वेडनसडे को अपनी क्भ् सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों ने हाथ खड़े कर दिए। दो दिनी हड़ताल के पहले दिन ऑफिसेज में सभाओं और नारेबाजी का दौर चला। एजी ऑफिस, डाकघर, आयकर विभाग, सीडीए पेंशन, बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया सहित ख्7 विभागों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। आयकर विभाग में एसेसमेंट, रिटर्न, जमा, प्रोसेसिंग, डिमांड कलेक्शन सहित एजी ऑफिस में ऑडिट वर्क इफेक्टेड रहा। डाकघर में लिफाफे-पोस्टकार्ड नहीं मिले तो सीडीए पेंशन में फौजियों की पेंशन का काम ठप रहा। केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के बैनर तले हुई हड़ताल में इलाहाबाद के लगभग क्भ् हजार कर्मचारी जुड़े हैं।

ये हैं मुख्य मांगें

-सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी ख्0क्ब् से लागू हों।

-भ्0 फीसदी पेंशन वेतन में विलय हो।

-समूह ग कर्मचारियों को पांच पदोन्नति दी जाए।

-पुरानी पेंशन नीति बहाल हो।

-कैजुअल व वर्कचार्ज कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

-ओवर टाइम और नाइट एलाउंड बढ़ाया जाए।

शिक्षक भी देंगे धरना

इस हड़ताली बयार में शिक्षक भी कहीं से पीछे नहीं हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली, विनियमितीकरण, वित्तविहीन स्कूल के शिक्षकों मानदेय आदि मांगों को लेकर लखनऊ में चल रहे धरने में इलाहाबाद मंडल के शिक्षक क्ब् फरवरी को सामूहिक अवकाश लेकर शामिल होंगे। वहीं राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष रविभूषण ने बताया कि क्फ् फरवरी को शिक्षा निदेशालय परिसर में एक दिवसीय प्रांतीय धरना शिक्षकों की पूर्व लंबित मांगों लेकर किया जाएगा, जिसमें भारी संख्या में शिक्षक शामिल होंगे।

चला सभाओं और नारेबाजी का दौर

दो दिनी हड़ताल के पहले दिन अखिल भारतीय रेल डाक सेवा एवं मेल मोटर सेवा तृतीय श्रेणी के मंडल मंत्री संतोष कुमार सिंह, परदेशी लाल, मंत्री ब्रम्ह शंकर दुबे और प्रांतीय मंत्री नरोत्तम लाल ने मांगों लेकर सरकार को कोसा। आयकर कर्मचारी महासंघ वर्ग ग एवं घ के कर्मचारियों ने आयकर भवन के सामने जमकर नारेबाजी की। जिसमे जोनल सचिव दीपक कुमार सिंह, शाखा अध्यक्ष योगेश्वर राय, शाखा उपाध्यक्ष संतोष मालवीय आदि ने संबोधित किया। डाकघरों में भी पूर्ण तालाबंदी रही। राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आरडी यादव की अध्यक्षता में कचहरी प्रधान डाकघर व सिविल लाइंस मेन डाकघर गेट के बार भी सभा आयोजित की गई। जिसमें जेपी यादव, पीएन दुबे, मंडल सचिव राजदेव आदि ने अपनी बात रखी। अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ वर्ग स के कर्मचारियों ने भी प्रधान डाकघर मेन गेट पर सभा की। सभी संघ के नेताओं ने मांगों लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का संकल्प लिया।