Lab के सभी कर्मी स्ट्राइक पर

चकराता निवासी सूरत सिंह पत्नी पूर्व देवी को लेकर दून हॉस्पिटल पहुंचे थे। उन्हें इस बात का पता नहीं था कि, यहां हड़ताल के चलते टेस्ट नहीं हो रहा। ये हाल केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सभी का था। दून हॉस्पिटल के लैब में कुल 12 कर्मचारी कार्य करते हैं, जिनके पास अलग-अलग जिम्मेदारी हैं। अब जब की सभी हड़ताल पर हैं ऐसे में काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उधर, ब्लड बैैंक के लैब टेक्निशियन के साथ लैब असिस्टेंट भी अपनी मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। ब्लड बैैंक का पूरा काम इस समय संविदा कर्मियों के हवाले है। डेंगू के चलते ब्लड और प्लेटलेट्स की बढ़ी मांग की वजह से उन्हें दो शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है। मेडिकल ऑफिसर वीएस पाल के मुताबिक, ब्लड की कमी नहीं है और संविदा कर्मी अपने काम को बखूबी अंजाम भी दे रहे हैं।

दवा के लिए लंबी लाइन

हड़ताल की जानकारी ना होने से कई मरीज ये सोचकर मेडिसीन लेने के लिए लाइन में लगे रहे कि संभवत: आज काउंटर देर से खुलेगा। बाद में पता लगा कि, फार्मास्ट्सि की तीन घंटे की स्ट्राइक है। दवा 11 बजे के बाद मिलेगी। इस वजह से वहां मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। महिलाएं और बुजुर्ग के लिए अपनी बारी का इंतजार करना भारी पड़ रहा था। हालांकि, हॉस्पिटल कैंपस में मौजूद सिक्योरिटी गाड्र्स व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरा प्रयास करते दिखे। अल्ट्रासाउंड व अन्य टेस्ट भी स्ट्राइक के कारण नहीं किए जा रहे हैं।

बीमार पत्नी को दिखाने के लिए दून हॉस्पिटल आया था। डॉक्टर ने जांच लिखी है। अब ये समझ नहीं आ रहा कि, जांच बाहर कराएं या हड़ताल समाप्त होने का इंतजार करें।

-सूरत सिंह, निवासी चकराता

अब बाहर ही जाकर जांच करानी होगी। यहां तो हड़ताल चल रही है। वैसे हॉस्पिटल को जांच जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया के लिए अल्टरनेट व्यवस्था करनी चाहिए थी।

-श्याम लाल बिजल्वाण, निवासी जोगीवाला

डॉक्टर को जांच लिखने के साथ ये भी बता देना चाहिए की जांच कहां कराएं। हॉस्पिटल में तो जांच हो नहीं रही। अगर बाहर से ही कराना है तो साफ बताएं।

-विमला देवी