नंबर गेम

12 हजार करोड़ का लेनदेन प्रदेश में रुका

1070 एटीएम शहर में शाम होते ही खाली

10 हजार 5 सौ कर्मी शहर में हड़ताल पर

66 सौ बैंक प्रदेश में रहे बंद

- तीन बैंकों के विलय के विरोध में बैंककर्मियों की देशव्यापी बैंक हड़ताल

LUCKNOW:

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के तत्वावधान में बुधवार को राजधानी के पब्लिक सेक्टर के सभी बैंक अधिकारी और कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर रहे। जिससे लखनऊ में ही करीब 950 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है।

730 बैंकों में लटके ताले

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि हड़ताल से राजधानी में 950 करोड़ तथा प्रदेश में लगभग 12000 करोड़ की क्लीयरिंग रुकी। लखनऊ की 730 शाखाओं के 10500 बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। जिससे लखनऊ के 1070 एटीएम शाम होती ही खाली हो गए।

हजरतगंज में प्रदर्शन

बुधवार को सभी बैंककर्मी हजरतगंज स्थित इलाहाबाद बैंक में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। इस दौरान एनसीबीई के प्रदेश महामंत्री केके सिंह ने कहा कि सरकार और आरबीआई ने दबाव बनाकर बड़े उद्योगपतियों को कर्ज दिलवा दिया। जो अब वापस नहीं हो रहा है। केंद्र इन उद्योगपतियों की जानकारी भी सार्वजनिक नहीं कर रहा है। जिससे बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है। जिसका आरोप बैंककर्मियों पर लगाया जा रहा है।

तीन बैंकों का हो रहा विलय

वीके सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने सितंबर में तीन राष्ट्रीय बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक के परस्पर विलय का प्रस्ताव रखा है। प्रदेश संयोजक वाईके अरोड़ा ने कहा कि बैंकों के विलय के बाद कई शाखाओं को बंद करना पड़ेगा।

कम हो गया लाभ

एआईबीओसी के महामंत्री दिलीप चौहान एवं अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि गत वर्ष सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों व एक भारतीय महिला बैंक का विलय किया। स्टेट बैंक पहले से ही एनपीए का दबाव झेल रहा था। इससे उस पर सहयोगी बैंकों के एनपीए का बोझ भी आ गया और बैंक का लाभ काफी कम हो गया। इस दौरान अनिल श्रीवास्तव, अखिलेश मोहन, एसके संगतानी, दीप बाजपेई, वीके सेंगर, एसडी मिश्रा, दीपेंद्र लाल, दिवाकर सिंह, यूपी दुबे, संदीप सिंह, मनमोहन दास, डीपी वर्मा आदि बैंक नेता मौजूद रहे।

हड़ताल का असर

- प्रदेश में 12 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित

- प्रदेश की 6600 शाखाओं के 84 हजार कर्मी हड़ताल पर

- खाली हो गए प्रदेश में 6900 एटीएम