पांच महानगरों में व्यवस्था निजी हाथों में देने के खिलाफ हड़ताल पर रहे अधिकारी और कर्मचारी

ALLAHABAD: प्रदेश के पांच महानगरों लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी व मुरादाबाद की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने के खिलाफ मंगलवार को पावर कारपोरेशन के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इसका सबसे ज्यादा असर राजस्व वसूली पर पड़ा। वित्तीय वर्ष का समापन होने वाला है लेकिन हड़ताल के चलते विद्युत नगरीय वितरण खंड टैगोर टाउन, म्योहाल, रामबाग, नैनी, बमरौली, कल्याणी देवी व करेलाबाग के अन्तर्गत बिजली चोरी व बकाएदारों के खिलाफ अभियान ठप रहा। म्योहाल खंड के अधिशाषी अभियंता ओपी मिश्रा ने बताया कि एक दिन में एक डिवीजन के तहत कार्रवाई के दौरान औसतन पच्चीस लाख रुपए की राजस्व वसूली की जाती थी। जो हड़ताल की वजह से पूरी तरह से रूक गई है।

काउंटर पर सन्नाटा, लौटे कस्टमर

प्रांतीय नेतृत्व के आहवान पर सभी डिवीजन के अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता व कर्मचारी सुबह दस बजे से हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल की वजह से जहां राजस्व वसूली पर चोट पहुंची। वहीं कस्टमर्स को भी बिल का भुगतान करने के लिए परेशान होना पड़ा। फोर्ट रोड सब स्टेशन, टैगोर टाउन डिवीजन आफिस, टैगोर टाउन सब स्टेशन, सिविल लाइंस सब स्टेशन सहित शहर के एक दर्जन से अधिक सब स्टेशनों के कैश काउंटर को कर्मचारियों ने सुबह दस बजे पहुंचकर ताला लगा दिया। काउंटर बंद होने से किसी भी सब स्टेशन में बिलिंग का काम नहीं हो सका। दिनभर काउंटर पर बिल जमा करने को पहुंचते रहे लेकिन उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।

चीफ इंजीनियर कार्यालय पर प्रदर्शन

पावर कारपोरेशन के अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र विद्युत अभियंता संघ, जूनियर इंजीनियर्स संगठन व विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ की इलाहाबाद इकाई के कर्मचारी शामिल हुए। अपने-अपने डिवीजन आफिस, सब स्टेशनों व फीडर की सुरक्षा में तैनात कर्मचारी सुबह दस बजे कामकाज छोड़कर टैगोर टाउन स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंच गए। वहां पर शाम पांच बजे तक अधिकारी व कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे।

निजीकरण से वर्तमान में लागू बिजली की दरों में अभूतपूर्व वृद्धि हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की नौकरी भी खतरे में पड़ जाएगी। इसलिए जब तक शासन अपना निर्णय वापस नहीं लेता, हम आंदोलन करते रहेंगे।

मनोज कुमार अग्रवाल, अधिशाषी अभियंता, विद्युत नगरीय वितरण खंड कल्याणी देवी

प्राइवेट कंपनियां अपने हिसाब से चीजों को तय करती हैं। आगरा में बिजली व्यवस्था टोरंट कंपनी के हाथों में पहले दी गई थी वहां आज जनता को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। इसलिए हम लोग आरपार की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं।

विजय प्रताप तिवारी, एसडीओ, टैगोर टाउन सब स्टेशन

कोई भी सरकार हो उसका मकसद यहीं होता है कि पब्लिक को परेशान करो। तीन दिन से लाइन काटने का मैसेज आ रहा था आज बिल जमा करने आया तो वापस लौटना पड़ा।

चंदन कुमार

लाइन कटने के डर से बिजली का बिल जमा करने पहुंचा तो काउंटर बंद था। आनलाइन बिलिंग इतनी गड़बड़ होती है कि एक बार उसका खामियाजा भुगतना पड़ा था।

रोहित यादव

काउंटर बंद होने से पूरा मूड खराब हो गया। सरकार को तो आम पब्लिक की समस्या से कोई मतलब ही नहीं है। उनका काम सिर्फ परेशान करना होता है।

राहुल सिंह

कई दिनों तक संविदाकर्मियों की हड़ताल की वजह से लम्बी लाइन लगती थी इसलिए बिल जमा करने की हिम्मत नहीं पड़ी। जब बिल जमा करने पहुंचे तो पूरा कामकाज ही ठप पड़ गया।

अमित तिवारी