सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, प्राइमरी स्कूलों पर लटकता रहा ताला

बच्चों के लिए खुले आंगनबाड़ी केन्द्र भी रहे बंद

ALLAHABAD: फेस्टिवल सीजन का आगाज हो चुका है। आने वाले दिनों में बकरीद, दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों से ठीक पहले स्ट्राइक फेस्टिवल का आगाज हो चुका है। मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर लाटकता रहा। स्ट्राइक पर रहे कर्मचारियों ने हुंकारी भरी। अपनी मांगों को पूरी तरह से जायज बताया और कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार को इस पर ठोस फैसला लेना होगा। टरकाने वाला फॉर्मूला अब नहीं चलेगा।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में दो फाड़

आंगड़बाड़ी कार्यकत्रियों में विरोध को लेकर दो फाड़ हो गया है। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने उत्तर प्रदेश की मंडल एवं जिला इकाई को भंग करके मण्डल अध्यक्ष संतोष मिश्र एवं जिलाध्यक्ष मौजी लाल रावत को संघ से निष्कासित कर दिया गया है। नई कार्यकारिणी में श्याम सूरत पांडेय को संरक्षक बनाया गया है। उन्होंने दावा किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आंदोलन समाप्त हो चुका है। उधर, शिक्षा मित्रों ने लखनऊ में डेरा डाले रखा।

बैंक कर्मचारियों की मांगे

अनार्जक आस्तियों की वसूली पर संसदीय समिति की अनुशंसाएं लागू करें

खराब ऋणों की वसूली के लिए कठोर उपायों की व्यवस्था की जाए

एफआरडीआई बिल को वापस लिया जाय

सभी संवर्गो में पर्याप्त कर्मचारियों की भर्ती की जाय

कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों के समाधान की व्यवस्था

इनका विरोध

जन विरोधी बैंकिग सुधारों का

कॉरपोरेट अनार्जक आस्तियों को बट्टे खाते डालने का

बैंक शुल्कों में वृद्धि का

प्राथमिक शिक्षकों की मांगे

प्राथमिक और जूनियर में शिक्षकों की पदोन्नति और प्रभारी प्रधानाध्यापक को स्थानापन्न वेतन दिया जाए

पद सृजन के लिए 31 जुलाई 2017 की संख्या का आधार बनाया जाए

एक जनवरी 2016 के बाद रिटायर्ड टीचर्स को पेंशन निर्धारण के लिए शासनादेश जारी किया जाए

स्कूल में बच्चों के लिए पेय जल, क्लास में बैठने के लिए फर्नीचर, चहारदीवारी, शौचालय, बिजली, पंखा की व्यवस्था की जाय

स्कूल की रंगाई-पुताई, छात्रों के यूनीफार्म की लागत में वृद्धि और इन मदों का एक साथ भुगतान

एक अप्रैल 2005 या उसके बाद के टीचर्स को पुरानी पेंशन योजना का लाभ

शिक्षकों के मृतक आश्रितों को शिक्षक अथवा लिपिक पद पर या उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी देना

शिक्षकों को भी कैशलेश चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए

गे्रड वेतन 4600 अथवा 4800 में पदोन्नति या चयन वेतनमान तिथि से न्यूनतम मूल वेतन क्रमश: 17140 अथवा 18150 दिया जाए

अन्तर जनपदीय स्थानांतरण के लिए निर्धारित अवधि एक वर्ष की जाय

एमडीएम का संचालन स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से कराया जाए

प्रत्येक विद्यालय में सुरक्षा के लिए चौकीदार या चपरासी की भर्ती हो

नगरीय क्षेत्रों में भी शिक्षकों की भर्ती की जाए

शिक्षा मित्रों की मांग

समान काम पर समान वेतन के फॉर्मूले को लागू किया जाय

सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षा मित्रों को बिना किसी शर्त के समायोजित करे और रेग्युलर शिक्षकों के समान वेतन आदि दे

उन्हें टीईटी पास करने को बाध्य न किया जाय

सरकार शिक्षकों की मांगों को लगातार नजर अंदाज कर रही है। शिक्षकों को मजबूरी में अपने अधिकार और स्कूलों में बेहतर स्थिति बनाने के लिए प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

सरकार मांगें नहीं मानती है तो 15 सितंबर को बैंक कर्मचारी संसद तक मोर्चा निकालेंगे। इस मोर्चे में अधिक से अधिक लोगों के पहुंचने का आवाह्न किया गया है।

शशिकांत श्रीवास्तव

इलाहाबाद संयोजक युनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन

हमारी मांगें जायज हैं। 19 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार सुन ही नहीं रही है। इस बार बिना मांगे मनवाए आंदोलन से नहीं हटेंगे।

आंगनवाड़ी कार्यकत्री संघ

बाक्स

बीएड टीईटी-उच्च प्राथमिक बेरोजगार संघ की मांग

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 25 व 26 का अनुपाल करते हुए आवश्यक छात्र -शिक्षक का अनुपात बनाए रखते हुए आवश्यक शिक्षक का आकलन किया जाए और समस्त रिक्त पदों पर भर्तिया की जाएं

अधिसूचना 12 नवम्बर 2014 की धारा 4 (क) के अनुपाल में राज्य के प्रत्येक विद्यालय में राजकीय, उच्च प्राथमिक, अशासकीय सहायता प्राप्त व मान्यता प्राप्त विद्यालयों में जहां 6 से 8 तक की कक्षाएं संचालित है। ऐसे विद्यालयों में छात्र शिक्षक आवश्यकता का आकलन कर न्यूनतम योग्यता लागू की जाए।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद नई दिल्ली द्वारा 12 नवम्बर 2014 को जारी अधिसूचना की अधिनियम की धारा 4 (ख)के अनुसार परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों का उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति हेतु न्यूनतम योग्यता टीईटी को लागू किया जाए।

उ.प्र। बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 की धारा 5 क, उपखण्ड रथ पांच व छह में दी गई व्यवस्था को संशोधित करते हुए गणित, विज्ञान की तरह अन्य सभी विषयों के अध्यापकों की सीधी भर्ती पर बेरोजगारों को समान अवसर मिले।

शासकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त 70 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां की जाएं।