सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी 31 मार्च तक का समय दिया

दिल्ली में एक बार फिर सीलिंग को लेकर व्यापारियों ने आंदोलन तेज कर दिया है। हाल ही में 100 से ज्यादा दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने एक बैठक बुलाई और इसमें 13 मार्च को दिल्ली बंद का फैसला लिया। इतना ही नहीं व्यापारियों का कहना है कि अगर उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो अब यह आंदोलन बिना किसी निष्कर्ष के शांत नहीं होगा। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी 31 मार्च तक का समय दिया है। उनका कहना है कि अगर यहां इस मार्च के अंत तक सीलिंग नहीं रुकी या फिर केंद्र सरकार अध्यादेश नहीं लाई तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

पिछले 3 महीने से यहां पर रुक-रुक कर सीलिंग की जा रही

दिल्ली सीएम का कहना है कि केंद्र सरकार संसद में बिल में उस बिल को पेश करे। सील की हुई दुकानों का खुलना बहुत जरूरी है। यह कोई राजनीतिक लड़ाई नही है। सभी दल इसमें साथ है क्योंकि इससे व्यापारी वर्ग का नुकसान हो रहा है। बतादें कि दिल्ली में सीलिंग काफी तेजी से हो रही है। पिछले 3 महीने से यहां पर समय-समय पर सीलिंग की जा रही है। इससे व्यापारियों का कहना है कि उनका व्यापार ठप हो रहा है। घर परिवार का पेट पालना मुश्िकल हो रहा है। वे बच्चों की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। महिलाएं भी इसके विरोध में सड़कों पर उतरी हैं।

तो इसलिए देश की राजधानी दिल्ली में की जा रही सीलिंग

दिल्ली में निर्माण कार्यों के लिए एमसीडी की इजाजत जरूरी है लेकिन यहां बिना एमसीडी की ढील से धड़ल्ले से बिना परमीशन के निर्माण हुए। 2005 में अवैध निर्माण का मामला दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने का आदेश दे दिया। हालांकि सरकार ने सीलिंग कार्रवाई से व्यापारियों को बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज जमा करने का विकल्प दिया था लेकिन यह भी ठीक से नहीं जमा हुआ। ऐसे में अब कोर्ट के आदेश के मुताबिक अवैध दुकानों या प्रॉपर्टी को सील किया जाने लगा है।

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