-पुलिस की मुनादी और नए कप्तान के तेवर देखकर शहर के शातिर अपराधियों में हड़कंप

-जान बचाने के लिए कई शातिर पुराने मामलों में जमानत खारिज करा जेल जाने की फिराक में

नए कप्तान के तेवर उनका इतिहास देख शहर के अपराधियों में खलबली की स्थित है। सोर्सेज के मानें तो कई शातिर पुराने मामलों में जमानत खारिज करा जेल जाने की फिराक में हैं। क्योंकि एनकाउंटर से बचने अपराधी जेल को ही सबसे सुरक्षित ठिकाना मानते हैं। संडे को शहर के मोस्ट वांटेड रईस बनारसी के घर के बाहर भी मुनादी कराई गई। जिससे यह भी साफ हो गया है कि फरार बदमाशों की लिस्ट में मोस्ट वांटेड बनारसी टॉप पर है और एसएसपी के टारगेट में भी वह ही है। हालांकि थाना पुलिस इसे सामान्य प्रक्रिया बता रही है। उनका कहना है कि मोस्ट वांटेड कई सालों से फरार है। उस पर शहर से भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

एसएसपी ऑफिस के पास कत्ल किया था

यूपी का मोस्ट वांटेड रईस बनारसी शहर के हीरामनपुरवा इलाके का निवासी है। उसका असली नाम रईस सिद्दीकी है। करीब डेढ़ दशक पहले उसके छोटे भाई की हत्या कर दी गई थी। जिसमें शातिर शानू ओलंगा और नौशाद कालिया का नाम आया था। शानू रईस को भी ढूंढ रहा था। जिसका पता चलने पर रईस बनारस भाग गया। वहां पर वह अंडरव‌र्ल्ड में सक्रिय होकर भाड़े पर कत्ल और रंगदारी वसूलने लगा। जब उसने वहां के अंडरव‌र्ल्ड में पैठ बना ली। इसके बाद वह साथी मामा बिंद के साथ भाई की हत्या का बदला लेने शहर आया। उसने 29 नवंबर 2011 को दिनदहाड़े एसएसपी के पास शानू ओलंगा को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी। इसके बाद वह शहर के अंडरव‌र्ल्ड में भी सक्रिय हो गया।

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने किया था वारदात का खुलासा

एसएसपी ऑफिस के पास दिनदहाड़े कत्ल से पुलिस महकमा हिल गया था। पुलिस ने साख बचाने के लिए एक बदमाश को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज कर दी, जो वारदात में शामिल नहीं था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने घटना स्थल पर मौजूद बनारसी और मामा बिंद की रिवॉल्वर के साथ फोटो प्रकाशित की थी। जिसकी मदद से पुलिस ने वारदात का खुलासा कर बनारसी और मामा बिंद को गिरफ्तार किया था। दोनों वारदात करने के बाद एक छोटे मामले में जमानत कटवाकर जेल चले गए थे। पुलिस बी वारण्ट पर उनको कानपुर जेल लाई थी।

जेल शिफ्टिंग के दौरान भाग गया था

मोस्ट वांटेड रईस के खिलाफ बनारस में भी कई मुकदमे दर्ज है। उन मुकदमों में पेशी के लिए उसको बनारस जेल शिफ्ट कर दिया गया था। बनारस जेल से उसको 23 अक्टूबर 2015 को बरेली जेल शिफ्ट किया जा रहा था। उसको पुलिस की एक गारद के साथ भेजा गया था, लेकिन वह पुलिस को गच्चा देकर भाग गया। पुलिस ने लिखापढ़ी में उसको शाहजहांपुर से फरार दिखाया था, लेकिन जानकार लोगों की माने तो वह कानपुर से भागा था। उसने पुलिस कर्मियों को कानपुर में माशूका से मिलवाने का लालच दिया था। जिसके झांसा में आकर वे उनको कानपुर लेकर आ रहे थे और वह कानपुर के बार्डर से भाग गया। इसमें गारद के सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

पुलिस से सामना होने पर दरोगा को गोली मारी

मोस्ट वांटेड बनारसी की माशूका शहर में ही रहती है। इसके चलते उसका शहर में आना जाना लगा रहता है। उसने फरार होने के बाद कई दिनों तक शहर के ढकनापुरवा में ही माशूका के घर में रहकर फरारी काटी थी, लेकिन पुलिस को भनक लगने पर वह भाग गया था। इससे पहले तत्कालीन एसएसपी शलभ माथुर को इसकी भनक लग गई थी। उन्होंने बनारसी की धरपकड़ के लिए टीम भी लगाई थी। जिसका जूही ढाल के पास बनारसी से सामना हुआ था। पुलिस टीम बनारसी को पकड़ पाती कि इससे पहले बनारसी ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। जिसमें एक दरोगा गोली लगने से घायल हो गया था और बनारसी इसी का फायदा उठाकर भाग गया था। बीते साल तत्कालीन एसपी पूर्वी अनुराग आर्या ने भी बनारसी की लोकेशन मिलने पर तलाक महल में छापा मारा था, लेकिन वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही वहां से भाग चुका था।

हुलिया बदलने में माहिर है बनारसी

पुलिस के पास पहले रईस बनारसी की फोटो नहीं थी। शानू ओलंगा हत्याकांड के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने उसकी फोटो प्रकाशित की थी। पुलिस उसी फोटो से बनारसी को ढूंढ रही थी। जिसका पता चलते ही उसने हुलिया बदल लिया। उसने चेहरे से सबसे पहले मस्से को हटवा दिया। जब उसकी यह फोटो लीक हो गई तो वह गंजा हो गया। बताया जा रहा है कि अब उसने बाल और दाढ़ी बढ़ा ली है। वह पुलिस को चकमा देने के लिए कई बार माथे पर टीका और चंदन भी लगा लेता है।

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