विकास कार्यो को लेकर अफसरों में भी असमंजस की स्थिति

केंद्र की योजनाओं पर लगा चुनावी ब्रेक

-ओडीएफ स्कीम की मॉनीटरिंग नहीं कर पा रहा प्रशासन

- प्रदेश सरकार कर रही गुपचुप विकास कार्यो की समीक्षा

- सीएम प्राथमिकता की योजनाओं को पूर्ण करने का टॉस्क

Meerut: केंद्र सरकार की योजनाएं विधानसभा चुनाव के चलते ठंडे बस्ते में हैं। वहीं स्टेट गर्वमेंट की विकास योजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश सरकार की ओर से हैं। पता चला हैं कि एक सप्ताह में सीएम की प्राथमिकता के प्रोजेक्ट को पूरा करने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं।

ओडीएफ स्कीम ठंडे बस्ते में

गत दिनों केंद्र सरकार के कड़े रुख के बाद सूबेभर में भारत स्वच्छ मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत ओपन डिफेक्शन फ्री (ओडीएफ) स्कीम का संचालन किया जा रहा है। मेरठ में स्कीम के तहत 44 गांवों को ओडीएफ घोषित होने पर मेरठ महान की उपाधि से भी नवाजा गया था। मेरठ महान का खिताब पाने वाली ग्राम पंचायतों को गांव के विकास के लिए सरकार की ओर से 5 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। चुनाव की घोषणा के बाद केंद्र सरकार की यह स्कीम धड़ाम हो गई है। शौचालय के निर्माण की योजनाएं अटक गई हैं तो वहीं मॉनीटरिंग भी नहीं हो रही है। ओडीएफ घोषित गांवों को लेकर भी असमंजस की स्थिति पनप रही है। मॉनीटरिंग न होने पर कहीं ग्रामीण दोबारा शौच के लिए घर से बाहर की ओर रुख न कर लें।

नमामि गंगे योजना धड़ाम

केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना चुनाव के फेर में अटक गई है। मेरठ सीमा में आ रहे 12 गांवों में से अभी तक महज 4 गांव ओडीएफ हुए हैं, 2 गांवों से सैकड़ों शौचालय के प्रस्ताव अटक गए हैं तो वहीं अन्य गांवों में शौचालय निर्माण और कैंपेन ठप पड़ गया है। ऐसे में 20 जनवरी तक सभी 12 गांवों को ओडीएफ घोषित करने के केंद्र सरकार के निर्देशों का अनुपालन नहीं हो सकेगा।

स्टेट गर्वमेंट कर रही समीक्षा

केंद्र की योजनाएं ठप पड़ी हैं तो वहीं स्टेट गर्वमेंट विभिन्न घोषित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रही है। सीएम की प्राथमिकता के कार्यो की समीक्षा हो रही है तो वहीं कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को गुपचुप लाभ दिया जा रहा है। गत दिनों किठौर विधानसभा क्षेत्र में कार्यालय उद्घाटन के दौरान साइकिल आवंटन का प्रयास चर्चा में रहा था। सीएम की प्राथमिकता समेत विभिन्न विकास योजनाओं को एक सप्ताह में पूर्ण रिपोर्ट सरकार को सौंपने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। सांसद -विधायक निधि से होने वाले निर्माणों की आख्या भी सरकार ने तलब की है।

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आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर योजनाओं के क्रियान्वयन पर रोक है, हालांकि जिन योजनाओं की टेंडरिंग हो चुकी है, उन पर रोक प्रभावी नहीं होगी। ओडीएफ स्कीम में लापरवाही बर्दाश्त नहंी होगी।

-विशाख जी

मुख्य विकास अधिकारी, मेरठ