-प्रदेश ही नहीं देश भर के चिकित्सक व छात्र हो रहे संगंठित

-पीजीआई लोहिया के कर्मचारी केजीएमयू कर्मचारी परिषद के साथ

LUCKNOW:

केजीएमयू में छात्रों और कर्मचारियों के बीच हुए झगड़े से केजीएमयू में अब मुश्किल हैं। छात्रों, रेजीडेंट, टीचर्स और कर्मचारियों सभी ओर से केजीएमयू प्रशासन पर उनके फेवर कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है। छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और प्रदर्शन कारी कर्मचारियों के खिलाफ कुछ न करने पर नेशनल मेडिकल आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) केजीएमयू से नाराज है। मामले की निंदा करते हुए एनएमओ के नेशनल प्रेसीडेंट ने केजीएमयू को पत्र लिखा है.यही नहीं विवेकानंद यूथ, यूथ आफ मेडिकोज सहित कई छात्र संगठनों ने केजीएमयू को पत्र लिखकर कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने की मांग की है। दूसरी ओर कर्मचारी परिषद के साथ में संजय गांधी और लोहिया के कर्मचारी भी आ गए हैं।

कर्मचारियों के खिलाफ हो कार्रवाई

एनएमओ ने कहा है कि हिंसक कार्यो में कर्मचारी परिषद के जो भी नेता कर्मचारी शामिल रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लगातार डॉक्टर्स के साथ बढ़ती मारपीट की घटनाएं इस पेशे के प्रति लोगों के मन में भय और असम्मान पैदा करती है।

छात्र संगठनों ने की मांग

एनएमओ के अलावा यूथ आफ मेडिकोज, स्वामी विवेकानंद यूथ सहित अन्य मेडिकल छात्र संगठनों ने चिकित्सकों के खिलाफ हुए दु‌र्व्यवहार को लेकर केजीएमयू को पत्र लिखकर मामले की निंदा की है। साथ ही आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई को कहा है।

अब रेजीडेंट्स ने रखी मांग

मेडिकल छात्र के खिलाफ केजीएमयू प्रशासन की एकतरफ कार्रवाई के खिलाफ छात्रों और रेजीडेंट डॉक्टर्स गुस्से में है। उन्होंने केजीएमयू के वीसी को पत्र लिखकर मामले में उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। पत्र में कहा है कि कर्मचारी परिषद के सदस्यों ने ट्रॉमा सेंटर के गेट बंद किए जबकि डॉक्टर अंदर काम कर रहे थे। कर्मचारियोंने ही वीसी आफिस में भी तोड़फोड़ की और ब्राउन हाल में भी मारपीट की कोशिश की गई। फिर भी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। अधिकारियों के आश्वासन पर छात्र मान गए है। इसलिए पैथोलॉजी काउंटर के कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। छात्रों को धमकाने वालों के खिलाफ एफआईआर और कर्मचारी परिषद के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

केजीएमूय पर बढ़ा दबाव

झगड़े के बाद अब केजीएमयू प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक यदि केजीएमयू प्रशासन छात्र के खिलाफ आगे कोई एक्शन लेता है तो रेजीडेंट और छात्र हउ़ताल पर जा सकते हैं। उन्हें केजीएमयू के चिकित्सकों का भी सहयोग प्राप्त है। टीचर्स एसोसिएशन भी उनके साथ खड़ा है। दूसरी ओर कर्मचारियेां ने भी अपने फेवर में फैसले के लिए माहौल बनाना शुरु कर दिया हैं। संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी परिषद ने भी केजीएमयू कर्मचारियों को सहयोग की बात कही है। पीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सावित्री सिंह ने कहा है कि कर्मचारियों के साथ अन्याय को वे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के पदाधिकारियों पर प्रशासन द्वारा किसी तरह की दंडनीय कार्रवाई होती है तो पीजीआई कर्मचारी महासंघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

सावित्री सिंह, अध्यक्ष, पीजीआई कर्मचारी महासंघ