- ज्योग्रफी डिपार्टमेंट में चल रहा इसरो से प्रायोजित पाठ्यक्रम

- भूमंडलीय नौकायन व उपग्रहीय सूचनाओं पर आधारित पाठ्यक्रम

Meerut : सीसीएसयू में पिछले दो साल से इसरो से प्रायोजित पाठ्यक्रम संचालित है। पूरी तरह से निशुल्क पाठ्यक्रम की रोजगार व ज्ञान के क्षेत्र में उपयोगिता है। बावजूद इसके स्टूडेंट्स में इस कोर्स को लेकर जानकारी कम है।

तेरह कोर्स पूरे

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से प्रायोजित भूमंडलीय नौकायन तंत्र और उपग्रहीय सूचनाओं पर आधारित यह कोर्स को देश के सभी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में संचालित है। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी के ज्योग्रफी डिपार्टमेंट में एक वर्ष में दो कोर्स संचालित किए जाते हैं। यूनिवर्सिटी में अभी तक तेरह कोर्स पूरे हो चुके हैं। चौदहवें कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जुलाई में अगले कोर्स के लिए अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी में यह कोर्स सुदूर संवेदन देहरादून के माध्यम से संचालित है। इस पाठ्यक्रम में पाठ का प्रसारण देहरादून से हो रहा है, जिसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से स्क्रीन पर विषय विशेषज्ञ विस्तार से चर्चा करते हैं। शैक्षिक क्षमता के उन्नयन के लिए भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान देहरादून ने कई पाठ्यक्रम विकसित किए हैं। ज्योग्रफी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। कंचन सिंह का कहना है कि अभी इसरो बेसिक कोर्स इन रिमोट सेसिंग एंड जीआईएस का कोर्स चला रहा है। तीन महीने के यह कोर्स पूरी तरह से निशुल्क हैं। निशुल्क होने की वजह से बहुत से छात्र इसकी उपयोगिता नहीं समझ पाते, लेकिन यह एक ऐसा कोर्स है, जिससे आईटी सेक्टर में रोजगार की काफी संभावना है।