-लाल फाटक पर रॉन्ग साइड आ रहे ट्रक ने केंद्रीय विद्यालय के साइकिल सवार स्टूडेंट्स को रौंदा

BAREILLY: लाल फाटक पर एक्सीडेंट में घायल छात्र की जान बचाने में सरकारी सिस्टम ऐसा रोड़ा बना कि स्टूडेंट समय से हॉस्पिटल ही नहीं पहुंच सका। एक्सीडेंट के बाद लोगों ने सरकारी एंबुलेंस 108 नंबर को फोन लगाया लेकिन लखनऊ में बैठे लोग लोकेशन ही लेते रहे, लोग अपने वाहन से लेकर जाते लेकिन रेलवे फाटक ही बंद था। किसी तरह घायल छात्र को गोद में उठाकर फाटक के पार गए और बाइक से लेकर दौड़े लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और स्टूडेंट ने दम तोड़ दिया। रेलवे फाटक के जाम के चलते पुलिस भी समय पर मदद के लिए नहीं पहुंच सकी। हादसा लाल फाटक, कैंट के पास हुआ। यहां रॉन्ग साइड आ रहे ट्रक ने साइकिल सवार केंद्रीय विद्यालय के स्टूडेंट को रौंद दिया था। ट्रक ड्राइवर मौके पर ट्रक छोड़कर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने चनेहटी निवासी ड्राइवर उमेश को गिरफ्तार कर ि1लया है।

स्कूल से लौट रहा था घर

12 वर्षीय आयुष, सद्भावना कॉलोनी कैंट का रहने वाला था। वह आर्मी एरिया स्थित केंद्रीय विद्यालय जेएलए में 7 वीं क्लास में पढ़ता था। ट्यूजडे दोपहर स्कूल की छुट्टी के बाद वह साइकिल से घर लौट रहा था। जैसे ही वह लाल फाटक पार कर बदायूं रोड पर पहुंचा कि तभी रॉन्ग साइड आ रहे हरियाणा नंबर के ट्रक ने उसे सामने से टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही ड्राइवर ने ट्रक भगाना शुरू कर दिया। लोगों ने उसका पीछा किया लेकिन 100 मीटर आगे मोड़ पर फाटक बंद होने पर ड्राइवर ट्रक से कूदकर फरार हो गया। उसके बाद स्थानीय लोग मौके पर घायल छात्र की मदद के लिए दौड़े लेकिन सरकारी सिस्टम की लाचारी में फंस गए।

गुड्डू और अमन दौड़े बचाने को

हादसा चिकन शॉप के सामने हुआ। चिकन शॉप चलाने वाले गुड्डू ने बच्चे को तड़पता देखा तो वह तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े। इसी दौरान वहां से स्टूडेंट को जानने वाला अमन सैफी व अन्य लोग गुजरे। सभी ने स्टूडेंट की मदद के लिए पुलिस और एंबुलेंस के कंट्रोल रूम को फोन लगाया। अमन सैफी ने बताया कि उन्होंने 108 कंट्रोल रूम को बताया कि हादसा लाल फाटक पर हुआ है लेकिन फोन उठाने वाली कभी कॉल होल्ड पर तो कभी अधिकारी से बात कराने की बात कहती रही और लोकेशन पूछती रही। करीब 10 मिनट बाद बोला गया कि एंबुलेंस रुहेलखंड के पास है, भेज रहे हैं।

खून की उलटी के बाद तोड़ा दम

लोगों ने उसके बाद सोचा कि प्राइवेट व्हीकल से ही छात्र को लेकर जाया जाए, लेकिन सामने देखा तो रेलवे फाटक बंद था। उसके बाद गुड्डू और अमन ने आयुष को गोद में उठाया और दोनों फाटक के नीचे से लेकर दौड़े। आगे दोनों ने आयुष को बाइक पर बैठाया लेकिन वीरांगना चौक तक पहुंचते-पहुंचते आयुष ने दम तोड़ दिया। आयुष ने इस दौरान खून की उलटी भी की और दो-तीन हिचकियां भी लीं लेकिन वह लोग कुछ भी नहीं कर सके।