16वर्षीय रूपेश की पुलिस पिटाई से हुई थी मौत, फिलहाल 302 की एफआईआर नहीं

राहे ओपी में पुलिस की पिटाई से 16वर्षीय रूपेश स्वांसी की मौत के मामले में फिलहाल पुलिस अफसरों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या की एफआईआर दर्ज होगी या नहीं, यह फिलहाल साफ नहीं हो पाया है। पुलिस ने इसे फिलहाल कस्टोडियल डेथ (हिरासत में मौत) का मामला माना है और डीजीपी डीके पांडेय के निर्देश पर सीआईडी जांच शुरू की गई है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार 'जांच में दोष सिद्ध होने के बाद समुचित कार्यवाही की जाएगी.' जांच कब तक पूरी होगी, इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई गई है। सीआईडी जांच के अलावा रांची के डीआईजी आरके धान को मामले की एडमिनिस्ट्रेटिव जांच का आदेश दिया गया है। राज्य के पुलिस प्रवक्ता ने डीजीपी के हवाले से जारी बयान में कहा है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जाएगी। पुलिस प्रवक्ता के बयान में बताया गया है कि जांच नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है।

पुलिस के खिलाफ लिखित कंप्लेन

इधर, मृतक रूपेश के पिता भूषण स्वांसी ने बुंडू थाना प्रभारी के पास जो लिखित कंप्लेन की है, उसमें पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। भूषण स्वांसी के अनुसार,'' रूपेश बुंडू स्थित 'निखिल ड्रेसेस' में सेल्समैन का काम करता था। 7 जुलाई को दो लोग दुकान पर पहुंचे और खुद को पुलिसवाला बताकर रूपेश को अपने साथ ले गए। दो घंटे के बाद उसे लेकर पुलिसवाले घर पहुंचे। उसकी पिटाई की गई थी। उसका चेहरा सूज गया था। उसने पिटाई के बारे में बताना चाहा तो पुलिसवालों ने उसका मुंह दाब दिया और गंदी-गंदी गालियां दीं। इसके बाद उसे फिर ले जाया गया अगले दिन सुबह जब वे रूपेश की जानकारी लेने थाने गए तो उन्हें रिम्स भेज दिया गया। रिम्स में उनका बेटा मृत पड़ा था.''

क्या कहते हैं कानून के जानकार