आई कैंपेन

-गांव-गली में बिना मान्यता के खुले स्कूलों के कारण घट रही परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या

-इन पर बिना अंकुश लगाए सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने का नहीं पूरा होगा टारगेट

ALLAHABAD: सूबे के परिषदीय स्कूलों में बेसिक और सीनियर बेसिक में छात्र संख्या की कमी के कारण हेड मास्टर के पदों की समाप्ति की कवायद से हंगामा शुरू हो गया। परिषदीय स्कूलों में हेडमास्टर के पदों को खत्म करने के पीछे सबसे बड़ा कारण स्कूलों में घटती छात्रों की संख्या है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण गांव से लेकर गली-मोहल्लों में फैले स्कूलों का मायाजाल है। बिना मान्यता के प्राथमिक और जूनियर स्तर के स्कूल करीब हर गली में चल रहे हैं .ऐसे स्कूलों पर अंकुश नहीं लगने के कारण ही परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

बिना मान्यता 1100 से ज्यादा

बेसिक शिक्षा विभाग की लाख कवायदों के बाद भी अवैध रूप से बिना मान्यता के संचालित स्कूलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हर साल ऐसे स्कूलों की सूची तैयार होती है, लेकिन ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। कई बार विभाग के ही लोगों की मिलीभगत से कार्रवाई के बाद फिर से ऐसे स्कूलों का संचालन शुरू हो जा जाता है। वर्तमान में भी बीएसए द्वारा बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों को चिन्हित कराया गया है। ऐसे स्कूलों की संख्या जिले में 1118 है। इससे क्षेत्र में प्राइवेट स्कूलों के नाम पर लोग अपने बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूलों में कराते है, जिसका असर परिषदीय स्कूलों की छात्र संख्या पर पड़ता है। इन स्कूलों की बढ़ती संख्या के कारण ही परिषदीय स्कूलों में लगातार छात्रों की संख्या में कमी हो रही है।

ब्लॉक बिना मान्यता के संचालित स्कूल की संख्या

कौडि़हार 76

चाका 59

होलागढ़ 25

शंकरगढ़ 18

सोरांव 72

कौंधियारा 21

जसरा 19

उरूवा 20

मेजा 28

मांडा 37

फूलपुर 81

हंडिया 45

धनुपुर 42

करछना 37

प्रतापपुर 45

बहादुरपुर 149

नगर क्षेत्र 52

बहरिया 95

सैदाबाद 46

कोरांव 89

मऊआइमा 62

बिना मान्यता चल रहे स्कूलों को चिन्हित किया गया। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। सभी ब्लॉक से अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है।

-संजय कुमार कुशवाहा

बीएसए