कर्मचारियों के अभाव में लटका आईईआरटी के सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट

छात्रों के आंदोलन को देख प्रबंध तंत्र ने बंद रखा संस्थान, कई माह से नहीं हुई कमिश्नरी के अफसरों संग बैठक

ALLAHABAD: प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का दंश यहां सैकड़ों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं आईईआरटी की। सच्चाई यह है कि यहां समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। रुके हुए रिजल्ट को लेकर सैकड़ों छात्रों ने उग्र रूप धारण कर लिया। इससे सहमें प्रबंध तंत्र ने मंगलवार को संस्थान बंद रखा। बताते हैं कि यह समस्या प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संस्थान में रुचि न लेने की वजह से उत्पन्न हुई है। कई माह से कमिश्नर कार्यालय के अधिकारियों संग बैठक नहीं हुई। जिससे समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

कर्मचारी चार, छात्र दो हजार

आईईआरटी में विभिन्न डिग्री व डिप्लोमा कोर्सेज के कुल दो हजार छात्र हैं। इसमें से तकरीबन आठ सौ इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और पीडीसीए के छात्र शामिल हैं। इनका रिजल्ट पिछले डेढ़ महीने से लटका हुआ है। बताते हैं कि रिजल्ट सेक्शन से एक कर्मचारी रिटायर हो चुका है। बाकी के चार लोग कम्प्यूटर पर तैनात हैं। जिनके जिम्मे सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट है। इसीलिए अपलोडिंग में दिक्कतें आ रही हैं। फंडिंग का अधिकार नहीं होने से नए कर्मचारी की तैनाती करना भी मुश्किल साबित हो रहा है।

मांग पर नहीं किए गौर

कर्मचारियों की मानें तो इसी साल जून में नोडल अधिकारी एडिशनल कमिश्नर संस्थान का निरीक्षण करने आए हुए थे। वित्तीय मामलों और अन्य समस्याओं को लेकर उनसे बैठक की मांग की गई थी। इस मांग पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसी उपेक्षा की वजह से रिजल्ट लेट हो रहे हैं। उधर, संस्थान प्रबंधन ने छात्रों के आंदोलन को देखते हुए मंगलवार को संस्थान बंद कर दिया। बतादें कि सोमवार को सैकडों छात्रों ने रिजल्ट की मांग को लेकर संस्थान में हंगामा किया था। इस पर जिम्मेदारों ने 20 सितंबर तक रिजल्ट जारी करने का उन्हें आश्वासन दिया था। रिजल्ट के नहीं आने से छात्र नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

कर्मचारियों की नियुक्ति आदि के लिए बैठक की जरूरत नहीं है। संस्थान प्रपोजल बनाकर भेजे हम उस पर निर्णय लेंगे। इसमें कमिश्नरी द्वारा कोई हर्डल नही लगाया गया है।

-डॉ। आशीष कुमार गोयल, कमिश्नर

स्टाफ की कमी जरूर है, फिर भी जल्द ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। फंडिंग की समस्या बनी हुई है। इसके लिए कमिश्नर कार्यालय में प्रपोजल भेजे गए हैं।

-विमल मिश्रा, डॉयरेक्टर, आईईआरटी