आउटर्स से बिगड़ रहा था माहौल

करेंट सेशन स्टार्ट होते ही संस्कृत यूनिवर्सिटी में भी आउटर्स की आवाजाही बढ़ गयी है। इनके आने से कैंपस का माहौल बिगड़ जा रहा है। इसको देखते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कैंपस में फ्री एंट्री पर रोक लगा दी है। इसमें यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को आई कार्ड लेकर आने का फरमान जारी किया गया है। वहीं जिनके पास आई कार्ड नहीं है वो फीस रसीद लेकर आएंगे।

 

फरमान बना गले की हड्डी

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने ये फरमान तो जारी कर दिया, लेकिन उसने आई कार्ड बनाने की जहमत नहीं उठायी। सेशन स्टार्ट होने के एक महीने बाद भी बहुत सारे स्टूडेंट्स को आई कार्ड जारी ही नहीं किया गया है। ऐसे में वो कैसे पढ़ाई करने आएं। यदि वो आई कार्ड की जगह फीस रसीद लेकर आते हैं तो उनके सामने कई मुसीबत खड़ी हो सकती है। एग्जाम्पल के लिए फीस रसीद खो सकता है, फट सकता है। ऐसी नौबत आने पर उन्हें दोबारा फीस रसीद बनवाने के लिए बेवजह दौड़ लगानी पड़ सकती है।

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यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के वेश में आउटर्स तफरी कर रहे थे। इस पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

प्रो। केदारनाथ त्रिपाठी, चीफ प्रॉक्टर, संस्कृत यूनिवर्सिटी

बिना आई कार्ड जारी किए इस तरह का ऑर्डर देना ही नहीं चाहिए। इससे स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम हो रही है।

राकेश मिश्र, स्टूडेंट

यह ऑर्डर ही बहुत बेतुका है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को पहले आई कार्ड बनाकर स्टूडेंट्स को जारी करना चाहिए था। फिर इस तरह का ऑर्डर देना चाहिए था।

राजेश चौबे, स्टूडेंट

आउटर्स को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी को अपने लेवल पर प्रयास किया जाना चाहिए। इसमें स्टूडेंट्स को इनवॉल्व करना अच्छी बात नहीं है।

रविशंकर मणि तिवारी, स्टूडेंट

एक तरफ स्टूडेंट्स के  लिए आई कार्ड जरूरी कर दिया गया है तो बाहरी लोग अभी भी कैंपस में बेरोकटोक आ जा रहे हैं।

सुमित पांडेय, स्टूडेंट