ये है मामला

एमबीए फस्र्ट इयर के स्टूडेंट विनीत चपराणा स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में सेक्रेटरी पद के कैंडीडेट हैं। गुर्जर समाज से ताल्लुक करने वाले विनीत का कहना है कि वो अपने इलेक्शन कैंपेन के तहत अपने समाज के लोगों और नेताओं से संपर्क करके अपना जनाधार बढ़ा रहे हैं। इसके लिए वो रविवार सुबह से ही सभी को फोन करके दो अक्टूबर को आयोजित मीटिंग में इनवाइट कर रहे थे।

गोली मार दूंगा

विनीत का कहना है कि वो अभी सबको फोन पर न्यौता दे ही रहे थे कि किसी अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने नाम नहीं बताया, उसने पूछा कि क्या तुम इलेक्शन में खड़े हो रहे हो। विनीत ने कहा, हां। इसके बाद उधर से कहा गया कि चुनाव लडऩे का इरादा छोड़ दो, वरना नोमिनेशन वाले दिन ही भीड़ में सीने में गोली उतार दी जाएगी।

पहले तो बच गया था तू

विनीत का कहना है कि फोन करने वाले ने कहा कि तीन महीने पहले भी बीटेक कैंपस में तुझ पर फायर किया था लेकिन उस टाइम तू बच गया, लेकिन इस बार नहीं बच पाएगा। मैं तुझे समझा रहा हूं दलितों के साथ रहना छोड़ दे और चुनाव मत लड़। इतना कह कर फोन कर दिया गया।

सपा के दबाव का आरोप

इसके बाद विनीत ने सारा मामला अपने दोस्तों, यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस प्रशासन को बताया। मौके पर पहुंची पुलिस को विनीत ने पूरा घटना क्रम बताया। अज्ञात के खिलाफ एफआईआर करा दी गई है। विनीत का आरोप है कि पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन समाजवादी पार्टी के दबाव में काम कर रहा है। इसी लिए आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

चली थी गोलियां

इससे पहले भी पार्टी से जुड़े कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। बता दें कि तीन दिन पहले कैंपस के स्टूडेंट प्रसनजीत पर कुछ छात्रों ने चुनावी रंजिश के चलते फायरिंग की थी जिसमें प्रसनजीत बाल-बाल बचे थे।

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