उमड़ घुमड़ रहे ढेरों सवाल

Student union election in AU

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Allahabad: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के लिए रिटर्निंग आफिसर की घोषणा की जा चुकी है और बहुत संभव है कि यूनिवर्सिटी ओपन होने के तुरंत बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन 2013-14 की डेट भी डिक्लेयर कर दी जाए। बताने की जरूरत नहीं है कि एयू में इलेक्शन को देखते हुए कैंम्पेनिंग भी चरम पर पहुंच चुकी है। इन दिनों एयू के क्लोज होने के बाद भी हास्टल्स में कैंपेनिंग का दौर जारी है। ऐसे में एयू में न्यू एडमिशन पाने वाले हजारों स्टूडेंट्स के मन में इलेक्शन से जुड़े तमाम तरह के सवाल उमड़-घुमड़ रहे हैं। मसलन, इलेक्शन लडऩे के लिए कौन एलीजिबल होगा, मतदाता कौन होगा, इलेक्शन से जुड़ी क्या-क्या रिस्ट्रीक्शन हैं इत्यादि ऐसे क्वेशचंस हैं। तो आईये हम आपको बताते हैं कि इलेक्शन से जुड़े कौन-कौन से प्रोविजंस हैं. 

ये लड़ सकते हैं election
इलेक्शन लडऩे के लिए अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट की आयु सीमा 22 वर्ष है। चार एवं पांच वर्षीय प्रोफेशनल कोर्स के लिए एज लिमिट क्रमश: 22 एवं 24 वर्ष रखी गई है। एलएलबी एवं बीएड के लिए यह क्रमश: 25 एवं 23 वर्ष रखी गई है। पीजी के स्टूडेंट्स के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष, एलएलएम के लिए 28 वर्ष एवं एमएड के लिए 26 वर्ष होगी। शोध छात्रों के लिए यह सीमा 30 वर्ष है। इसके अलावा कैंडिडेट्स का कम से कम एक वर्षीय रेगुलर कोर्स में एडमिशन भी होना जरुरी है. 

नामांकन तिथि तक मानी जाएगी आयु
लास्ट इलेक्शन में प्रत्याशियों की आयु गणना विवाद का विषय रही थी। एयू ने अपने रेग्यूलेशन में स्पष्ट किया था कि नामांकन पर्चा दाखिल करने की निर्धारित तिथि ही सीमा तिथि मानी जाएगी। जबकि इलेक्शन लेट होने के कारण स्टूडेंट्स की डिमांड थी कि इसे एडमिशन की तिथि से माना जाए। हालांकि ऐसा हो नहीं सका था और कई स्टूडेंट लीडर को इलेक्शन से बाहर होना पड़ा था. 

Fail न हुए हों
इलेक्शन लडऩे के लिए जरूरी होगा कि प्रत्याशी जिस वर्ष में चुनाव प्रत्याशी होगा। उस वर्ष में न तो वह एयू की किसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुआ हो और न ही उसके पास कोई अकादमिक अवशेष हों। यदि ऐसा होता है तो कैंडिडेट इलेक्शन नहीं लड़ पाएगा. 

75% attaindence जरुरी 
इलेक्शन लडऩे के लिए 75 परसेंट या एयू द्वारा निर्धारित उपस्थिति में जो भी अधिक हो, होना जरुरी है। हालांकि, लास्ट इलेक्शन में एडमिशन में हुई देरी के चलते स्टूडेंट्स ने अटेंडेंस परसेंटेज को एकेडमिक सेशन स्टार्ट होने की तिथि से मानने से इंकार कर दिया था। जिसके कारण एयू को अटेंडेंस का निर्धारित प्रतिशत कैंडिडेट्स के एडमिशन की तिथि से परमिट करना पड़ा था। इस बार भी कुछ ऐसे ही चांसेस हैं. 

Criminal record न हो
प्रोविजन है कि कैंडिडेट्स का कोई आपराधिक रिकार्ड न हो, कोई आपराधिक मुकदमा न चला हो, किसी आपराधिक या दुष्कृत्य के लिए दंडित न हुआ हो, एयू द्वारा कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न की गई हो, उसे निष्कासित या निलंबित न किया गया हो, परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने के लिए पनिस न किया गया हो. 

पांच हजार है चुनाव खर्च
रेगुलेशन में कहा गया है कि कैंडिडेट्स के चुनाव खर्च की सीमा 5000 से ज्यादा नहीं होगी। उसका किसी भी पालिटिकल पार्टी से कोई जुड़ाव नहीं होगा। सीमा से अधिक खर्च करने की स्थिति में उसका चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा। उसे चुनाव परिणाम की घोषणा के दो सप्ताह के भीतर एयू को खर्च का ब्यौरा देना पड़ेगा. 

ये है code of conduct

-प्रत्याशी छात्र समूह में तनाव पैदा करने वाली गतिविधि में लिप्त नहीं होगा.
-मतदाता को घूस देना, डराना धमकाना, फर्जी मतदान में भाग नहीं लेगा
-प्रत्याशी केवल हस्तनिर्मित सामग्री का ही उपयोग निर्धारित स्थान पर प्रचार के लिए करेगा.
-कैंपस के बाहर जुलूस नहीं निकालेगा
-क्लासेस को बाधित नहीं करेगा
-ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं वाहनों का प्रयोग प्रतिबन्धित आदि

यहां कर सकते हैं compalin
चुनाव प्रक्रिया संबंधित कम्प्लेन के निस्तारण के लिए वाइस चांसलर की ओर से डीएसडब्ल्यू की अध्यक्षता में एक परिवाद निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। इसके अलावा यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन एवं चुनावी खर्च के विवरण से जुड़ी शिकायतों का भी संज्ञान लेगा. 

इन्हें चुनेंगे आप

-प्रेसिडेंट
-वाइस प्रेसिडेंट
-जनरल सेक्रेटरी
-ज्वाइंट सेक्रेटरी
-कल्चरर सेक्रेटरी 
-प्रत्येक संकाय से संकाय प्रतिनिधि



ये लड़ सकते हैं election
इलेक्शन लडऩे के लिए अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट की आयु सीमा 22 वर्ष है। चार एवं पांच वर्षीय प्रोफेशनल कोर्स के लिए एज लिमिट क्रमश: 22 एवं 24 वर्ष रखी गई है। एलएलबी एवं बीएड के लिए यह क्रमश: 25 एवं 23 वर्ष रखी गई है। पीजी के स्टूडेंट्स के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष, एलएलएम के लिए 28 वर्ष एवं एमएड के लिए 26 वर्ष होगी। शोध छात्रों के लिए यह सीमा 30 वर्ष है। इसके अलावा कैंडिडेट्स का कम से कम एक वर्षीय रेगुलर कोर्स में एडमिशन भी होना जरुरी है. 

नामांकन तिथि तक मानी जाएगी आयु
लास्ट इलेक्शन में प्रत्याशियों की आयु गणना विवाद का विषय रही थी। एयू ने अपने रेग्यूलेशन में स्पष्ट किया था कि नामांकन पर्चा दाखिल करने की निर्धारित तिथि ही सीमा तिथि मानी जाएगी। जबकि इलेक्शन लेट होने के कारण स्टूडेंट्स की डिमांड थी कि इसे एडमिशन की तिथि से माना जाए। हालांकि ऐसा हो नहीं सका था और कई स्टूडेंट लीडर को इलेक्शन से बाहर होना पड़ा था. 

Fail न हुए हों
इलेक्शन लडऩे के लिए जरूरी होगा कि प्रत्याशी जिस वर्ष में चुनाव प्रत्याशी होगा। उस वर्ष में न तो वह एयू की किसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुआ हो और न ही उसके पास कोई अकादमिक अवशेष हों। यदि ऐसा होता है तो कैंडिडेट इलेक्शन नहीं लड़ पाएगा. 

75% attaindence जरुरी 
इलेक्शन लडऩे के लिए 75 परसेंट या एयू द्वारा निर्धारित उपस्थिति में जो भी अधिक हो, होना जरुरी है। हालांकि, लास्ट इलेक्शन में एडमिशन में हुई देरी के चलते स्टूडेंट्स ने अटेंडेंस परसेंटेज को एकेडमिक सेशन स्टार्ट होने की तिथि से मानने से इंकार कर दिया था। जिसके कारण एयू को अटेंडेंस का निर्धारित प्रतिशत कैंडिडेट्स के एडमिशन की तिथि से परमिट करना पड़ा था। इस बार भी कुछ ऐसे ही चांसेस हैं. 

Criminal record न हो
प्रोविजन है कि कैंडिडेट्स का कोई आपराधिक रिकार्ड न हो, कोई आपराधिक मुकदमा न चला हो, किसी आपराधिक या दुष्कृत्य के लिए दंडित न हुआ हो, एयू द्वारा कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न की गई हो, उसे निष्कासित या निलंबित न किया गया हो, परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने के लिए पनिस न किया गया हो. 

पांच हजार है चुनाव खर्च
रेगुलेशन में कहा गया है कि कैंडिडेट्स के चुनाव खर्च की सीमा 5000 से ज्यादा नहीं होगी। उसका किसी भी पालिटिकल पार्टी से कोई जुड़ाव नहीं होगा। सीमा से अधिक खर्च करने की स्थिति में उसका चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा। उसे चुनाव परिणाम की घोषणा के दो सप्ताह के भीतर एयू को खर्च का ब्यौरा देना पड़ेगा. 

ये है code of conduct
-प्रत्याशी छात्र समूह में तनाव पैदा करने वाली गतिविधि में लिप्त नहीं होगा।

-मतदाता को घूस देना, डराना धमकाना, फर्जी मतदान में भाग नहीं लेगा

-प्रत्याशी केवल हस्तनिर्मित सामग्री का ही उपयोग निर्धारित स्थान पर प्रचार के लिए करेगा।

-कैंपस के बाहर जुलूस नहीं निकालेगा

-क्लासेस को बाधित नहीं करेगा

-ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं वाहनों का प्रयोग प्रतिबन्धित आदि

यहां कर सकते हैं compalin
चुनाव प्रक्रिया संबंधित कम्प्लेन के निस्तारण के लिए वाइस चांसलर की ओर से डीएसडब्ल्यू की अध्यक्षता में एक परिवाद निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। इसके अलावा यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन एवं चुनावी खर्च के विवरण से जुड़ी शिकायतों का भी संज्ञान लेगा. 

इन्हें चुनेंगे आप

-प्रेसिडेंट

-वाइस प्रेसिडेंट

-जनरल सेक्रेटरी

-ज्वाइंट सेक्रेटरी

-कल्चरर सेक्रेटरी 

-प्रत्येक संकाय से संकाय प्रतिनिधि