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AGRA: नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के दावे विफल हो रहे हैं. इसका अंदाजा ग्वालियर रोड पर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में नकल के लिए हो रही वसूली को देखकर लगाया जा सकता है. ग्वालियर हाईवे स्थित कॉलेज में डिप्लोमा कोर्सेस के एग्जाम कराए जा रहे हैं. शनिवार को एग्जाम दो पालियों में आयोजित कराए गए. दोपहर की पाली में दो बजे से चार बजे एग्जाम का समय रखा था. इसी दौरान एग्जाम हॉल में बैठे स्टूडेंट्स से नकल के एवज में एक हजार रुपए की मांग की गई. डिप्लोमा एग्जाम की परीक्षा दे रहे स्टूडेंट्स को हॉल में स्पष्ट बता दिया था कि जो नकल के लिए रुपए देगा, एग्जाम में उसी को बैठने दिया जाएगा. इस दौरान ऐसे स्टूडेंट्स को बाहर कर दिया, जिन्होंने एक्स्ट्रा रुपए देने से इंकार कर दिया. उनके हाथ से कॉलेज प्रबंधन ने पेपर और आंसर सीट जबरन ले ली.

विरोध करने पर दिखाया जूता
नकल के रुपए नहीं देने पर एक दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स एग्जाम से वंचित रह गए. स्टूडेंट्स ने विरोध किया, तो कॉलेज प्रबंधक मारपीट पर उतारु हो गया. आरोप है कि एक टीचर ने अपना जूता दिखाकर उन्हें परिसर से बाहर कर दिया. इससे स्टूडेंट्स दहशत में आ गए. पीडि़त स्टूडेंट्स सैंया थाने पहुंचे, जहां उन्होंने कॉलेज प्रबंधक के नाम तहरीर दी. लेकिन पुलिस ने मामला शिक्षा विभाग का बताकर टाल दिया. स्टूडेंट्स आयुष शर्मा, ईश जेटली, संतोष बघेल, कपिल, विकास सिंह, विशाल पाठक ने इस संबंध में उच्च शिक्षाधिकारियों से मिल मामले की शिकायत करने की बात कही है.