जी हां, यूपी बोर्ड की कॉपियां चेक कर रहे टीचर्स रोजाना पार्टी कर रहे हैं। नंबर पाने के लिए स्टूडेंट्स अलग-अलग तरीके अपना रहे है। कोई कॉपियों में पैसे रख रहा है तो कोई इमोशनल ब्लैकमेलिंग की कोशिश कर रहा है। कुछ मनोरंजन से नंबर हासिल करने का प्रयास भी कर रहे हैं।

स्पेशल कमेंट्स

कॉपी चेकिंग के सीरियस माहौल में कई बार ऐसी बातें सामने आती हैं कि माहौल थोड़ा हल्का हो जाता है। कॉपी में पास करने के लिए स्टूडेंट्स कई बार स्पेशल कमेंट करते हैं। टीचर से पास कर देने के लिए रिक्वेस्ट की जाती है, जिसमें नए-नए बहाने होते हैं। कई बार कॉपी कॉपियों से पैसे निकल आते हैं। उन पैसों से सभी लोग मिलकर कुछ देर इंज्वाय कर लेते हैं।

मिलते हैं पैसे

यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन मेरठ में कई सेंटर्स पर हो रहा है। हर सेंटर पर ऑन एन एवरेज डेली चार सौ से पांच सौ रुपए तो कॉपियों से निकल ही जाते हैं। मूल्यांकन कार्य देख रहे एक टीचर ने बताया कि पहले कॉपियों में बहुत पैसे निकला करते थे। लेकिन अब ये ट्रेंड चेंज हो गया है। अब दस, बीस या पचास के नोट ज्यादा निकलते हैं, जबकि पहले सौ और पांच सौ के नोट भी आसानी से निकल जाया करते थे। अब शिक्षा माफिया की दखल के कारण स्टूडेंट्स कॉपियों में पैसे कम रखने लगे हैं। वो बताते हैं कि इन पैसों को जमा करने के बाद सभी लोगों की सहमति से कभी समोसे तो कभी जलेबी और कोल्ड ड्रिंक मंगा ली जाती है।

नहीं करते पास

टीचर बताते हैं कि भले की स्टूडेंट कॉपी में पैसे रख दे लेकिन उसको इसके बिहाफ पर एक भी नंबर का रिलेक्सेशन नहीं दिया जाता है। अगर इस तरह के केसेज में स्टूडेंट को नंबर बढ़ाकर दिए जाने लगे तो कॉपी आगे जाकर हेड एग्जामिनर के पास पकड़ में आ जाएगी। अगर ये इत्तेफाक से नंबर बढ़ी हुई कॉपी ही पकड़ी गई तो संबंधित टीचर पर एक्शन लिया जा सकता है। हो सकता है कि उस टीचर को डिबार कर दिया जाए। इसलिए चाहे एक नंबर का ही मामला हो स्टूडेंट को पास नहीं किया जाता है.होती है गंदी language

पेपर में सिर्फ पैसे ही नहीं कई बार गालियां भी निकलती हैं। जी हां, कई स्टूडेंट की आंसर शीट में गालियां लिखी मिलती हैं। एक टीचर ने बताया कि दो दिन पहले, एक लेडी टीचर के पास एक कॉपी आई, जिसमें स्टूडेंट ने सुहाग रात मनाने के सभी तरीकों का बखान किया था। कॉपी में इतनी गंदी लैंग्वेज लिखी गई थी कि शिक्षिका ने कॉपी को फेंक दिया और बाद में उसे दूसरे टीचर ने चेक किया। इसके साथ ही अकसर लड़कियों की कॉपियों में शादी का बहाना लिखा होता है। जैसे कि अगर पास नहीं किया तो मेरी शादी रुक जाएगी। एक स्टूडेंट ने लिखा था कि, मेरे माता पिता की मृत्यु हो चुकी है, मैं घर में अकेला कमाने वाला हूं, मेरे छोटे-छोटे भाई बहन हैं, अगर मैं फेल हो गया तो मुझे नौकरी नहीं मिलेगी। इसी तरह कई अन्य बहाने रोज देखने को मिलते हैं।

अब नहीं है विरोध

पहले तो टीचर्स में मूल्यांकन को लेकर विरोध था। लेकिन शासन द्वारा मूल्यांकन दरें बढ़ाए जाने के बाद से अब टीचर्स मूल्यांकन पर लौट आए हैं। अब किसी भी केंद्र पर टीचर एब्सेंट नहीं हैं। अब मूल्यांकन ने गति पकड़ ली है और जल्द ही मूल्यांकन खत्म कर दिया जाएगा।

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