स्कूल छात्राएं मैनेजर को देखते ही आ जाती थी दहशत में

शिक्षा विभाग की टीम ने स्टूडेंट्स से बातचीत कर लिया निर्णय

>BAREILLY : स्कूल में उत्पात करने या होमवर्क किए बिना आने पर स्टूडेंटस को आउट करने के मामले तो आपने देखे-सुने हाेंगें, पर बरेली में स्टूडेंट्स की शिकायत पर एक स्कूल प्रबंधक को अनूठी सजा का मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधक को ही तड़ीपार करने जा रहा है। इसकी वजह यह है कि बच्चे उसे देखते ही दहशत में आ जाते हैं। पिछले दिनों प्रबंधक पर छात्राओं को पीटने के आरोप लगे थे। तीन छात्राएं बेहोश हो गई थी। स्कूल संचालक को उतने समय तक के लिए स्कूल से तड़ीपार रखने का निर्णय लिया गया है,जब तक स्कूल में बच्चे मौजूद रहेंगे। अगर इस फरमान का उसने उल्लंघन किया तो स्कूल की मान्यता रद करने से लेकर एफआईआर कराइर्1 जाएगी।

स्कूल टाइमिंग्स में रहेगी प्रबंधक की नो एंट्री-

मामला बदायूं रोड पर लाल फाटक के पास स्थित शांतिकुंज स्कूल का है। स्कूल प्रबंधक विनोद कुमार पर पिछले माह बेंच टूटने पर स्कूली छात्राओं को डराने धमकाने समेत पिटाई करने के आरोप लगे थे। परिजनों ने काफी हंगामा किया था। थाने में तहरीर भी दी गई थी। इसके बाद शिक्षा विभाग की एक टीम ने स्कूल का दौरा कर तमाम दस्तावेज जांचने के साथ ही बच्चों से भी बात की थी। इसके बाद शिक्षा विभाग की टीम इस नतीजे पर पहुंची कि प्रबंधक का स्टडी टाइम में स्कूल परिसर में उपस्थित होना जरूरी नहीं है। उसके स्कूल परिसर में मौजूद रहने पर बच्चे दहशत में रहते हैं। ऐसे में उसे स्टडी टाइम तक स्कूल में एंट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। जल्द उसे नोटिस जारी कर इसके लिए पाबंद कर दिया जाएगा।

निलंबित सरकारी टीचर है स्कूल प्रबंधक

छात्राओं से मारपीट की शिकायत पर शिक्षा विभाग के जेडी एसपी द्विवेदी और डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने स्कूल का दौरा किया था। वहां स्टूडेंटस से बातचीत की गई और मान्यता संबंधी दस्तावेजों की जांच की। स्कूल प्रबंधक विनोद कुमार के बारे पड़ताल में खुलासा हुआ कि वह सरकारी स्कूल में टीचर भी है और उसने निजी स्कूल भी चला रखा है। इस पर उसे सरकारी स्कूल टीचर पद से तुरंत निलंबित कर दिया गया था। एक ही परिसर में पहली से आठवीं और नवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं का संचालन अवैध मानते हुए कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है।

तड़ीपार के दौरान यह रहेगी पाबंदी

स्कूल जिस भवन में चलता है, वह खुद विनोद कुमार का है। वह स्कूल का प्रबंधक भी है। उसी के परिजन प्रिंसीपल और डायरेक्टर्स में शामिल हैं। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के फरमान के बाद वह स्कूल टाइमिंग में कैंपस में नहीं जा सकेगा। उसकी स्कूल कैंपस में एंट्री प्रतिबंधित करने के लिए मैनेजमेंट को इस हिदायत के साथ पत्र भेजा जाएगा कि विनोद कुमार स्कूल टाइमिंग में कैंपस में न आए। इस प्रतिबंध के पीछे शिक्षा विभाग के अधिकारियों का यह तर्क है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वहां पढ़ने वाली छात्राएं सुरक्षित महसूस करें। मन लगाकर पढ़ाई कर सकें।

- बच्चे परमीशन दें तो हो सकता है फरमान वापस

शिक्षा विभाग ने इस फरमान के साथ एक सहूलियत भी रखी है। अगर स्कूल प्रबंधक अपने बर्ताव में सुधार कर ले और बच्चे उसे स्कूल समय में आने की अनुमति दें तो उसकी वापसी हो सकता है। लेकिन उसके लिए बच्चों से दबाव डालकर अनुमति या अन्य किसी तरह की प्रताड़ना से इतर प्रबंधक के आवेदन पर शिक्षा विभाग की टीम जाकर बच्चों से इस बारे में सहमति लेगी। तब बच्चों की सहमति मानी जाएगी। ऐसे में प्रबंधक का भविष्य बच्चों की सहमति पर निर्भर हो गया है।

कॉलेज मैनेजर को स्कूल टाइमिंग में पूरी तरह से परिसर से बाहर रहने के लिए पाबंद किया जाएगा। इसके लिए नोटिस तैयार किया जा रहा है, ताकि स्टूडेंटस को स्वस्थ-सुरक्षित माहौल और अन्य स्कूलों को सबक मिले।

गजेन्द्र कुमार, डीआईओएस