ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एवं उससे जुड़े डिग्री कॉलेजेस में डायरेक्ट इंटरव्यू के नाम पर प्रोफेसर की भर्ती में चहेतों को सेलेक्ट करने का खेल शुरू हो गया है। रिटेन एग्जाम की बजाय सीधे इंटरव्यू के जरिये की जा रही भर्ती के परिणाम भी अभी नहीं आये हैं। इससे पहले ही इंटरव्यू में शामिल कई अभ्यर्थी जुगाड़ के दम पर अपने सेलेक्शन का दावा कर रहे हैं। इसे लेकर इविवि और उससे जुड़े कॉलेजेस में जहां चर्चायें तेज हो गई हैं। वहीं इलाहाबाद से बाहर के छात्रों ने विरोध के स्वर भी बुलंद कर दिये हैं।

 

पीएम को भेजी शिकायत

छात्रों ने उच्च शिक्षा उत्थान मंच की ओर से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री, एमएचआरडी, यूपी के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, इविवि छात्रसंघ अध्यक्ष आदि को भेजा गया है। इसमें डिग्री कॉलेजेस में साक्षात्कार के परिणाम से पहले ही संभावित चयनित अभ्यर्थियों के नाम का उल्लेख करके बताया गया है कि ये अभ्यर्थी दबी जुबान से खुद के चयन होने का दावा कर रहे हैं। यही नहीं इविवि में एक महत्वपूर्ण पद पर बैठे और कॉलेजेस की एक्सपर्ट कमेटी में शामिल शिक्षक के नाम का उल्लेख करते हुये दावा किया गया है कि उन्होंने पूर्व कुलपति के कार्यकाल में खुद विभागाध्यक्ष रहते हुये एक शोध छात्रा का चयन कनाडा से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये करवा दिया था। बाद में उससे पैसा मांगा गया तो वह वापस कनाडा चली गई।

 

बाहर आये एक्सप‌र्ट्स के नाम

दावा यह भी है कि उपरोक्त शिक्षक ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में विज्ञापन संख्या 46 के तहत एक विषय में अपने रिसर्च स्कालर्स को ज्यादा नम्बर दिये और दूसरे अभ्यर्थियों को कम नम्बर देकर परेशान किया। छात्रों का यह भी दावा है कि उक्त शिक्षक को उनकी हरकतों के चलते यूपी लोक सेवा आयोग ने डिबार कर दिया था। बाद में उन्होंने फिर से सेटिंग बना ली। छात्रों का कहना है कि क्रेट प्रवेश परीक्षा के दौरान इन्हें बिशप जानशन स्कूल का आब्जर्वर बनाया गया था। तब धांधली की शिकायत पर परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। पीएम को भेजे ज्ञापन में साक्षात्कार में शामिल होने के लिये आने वाले एक्सपर्ट्स तक के नाम का उल्लेख कर दिया गया है।