- लैपटॉप के नाम पर भी सिटी के तीन हजार स्टूडेंट्स से हो रहा मजाक

- सिटी में बचे हुए पांच सौ लैपटॉप भी एनआईसी में हो रहे हैं खराब

Meerut सपा सरकार की लैपटॉप और टेबलेट वितरण की योजना तो जाते जाते भी बड़ा मजाक कर गई है। जहां यूपी में लगभग एक लाख स्टूडेंट्स योजना के लाभ का सपना देखते रह गए। वहीं टेबलेट के नाम पर तो पूरे यूपी में एक को भी लाभ नहीं मिल पाया है। हालांकि सिटी में लैपटॉप व टेबलेट योजना को लेकर डीएम और डीआईओएस की बैठक तो हुई। मगर बैठक के बाद भी यह हल नहीं निकल पाया कि आखिरकार लैपटॉप व टेबलेट के छूटे स्टूडेंट्स को कैसे लाभ मिलेगा। सरकार ने हाल फिलहाल में सभी योजनाओं को बंद करते हुए पिछले स्टूडेंट्स को लाभ देने की बात कहीं है। शिक्षा विभाग के पास तो मीटिंग के बावजूद भी कुछ हल नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में जहां एक ओर लैपटॉप के तीन हजार स्टूडेंट का सपना अधूरा है। वहीं सिटी में टेबलेट के नाम पर तो एक आना तक भी हाथ नहीं लग पाया है।

आखिर कहां गए पचास हजार टेबलेट

दसवीं पास करने के बाद टेबलेट मिलेगा, सिटी के पचास हजार स्टूडेंट्स बस यहीं उम्मीद लगाए बैठे रहे। मगर योजना बंद होने के बावजूद भी सिटी की बात तो छोडि़ए पूरे यूपी में एक भी टेबलेट नहीं बट पाया है। ये सरकार ने टेबलेट के नाम पर सबको ठन ठन गोपाल ही कर दिया है। सिटी में भी पूरे पचास हजार स्टूडेंट टेबलेट की चाह में जमकर पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन सालभर की मेहनत के बाद भी टेबलेट के नाम पर मजाक ही हुआ।

पांच सौ लैपटॉप भी ढूंढ रहे सुरक्षित जगह

सिटी में लैपटॉप पाने वाले टोटल तीन हजार स्टूडेंट्स है। लेकिन सिटी में बचे हुए लैपटॉप केवल पांच सौ ही है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार ज्ञात हुआ है कि एनआईसी में पड़े लैपटॉप पानी भरने के कारण उनकी भी जगह बदली जा रही है। यानि जो पांच सौ लैपटॉप विभाग के पास है वो भी खराब होने की कगार पर है। ऐसे में उधर शिक्षा विभाग डीएम से बैठक करने के बाद बचे हुए ढाई हजार लैपटॉप का डिमांड पत्र भी भेज रहा है। जबकि लैपटॉप योजना बंद होने के बाद अब किसी लैपटॉप की उम्मीद तक नहीं है। ऐसे में तो लैपटॉप ने तो मजाक किया है और टेबलेट के नाम पर तो स्टूडेंट्स का भावना का खिलवाड़ भी हुआ है।

बचे हुए तीन हजार में से केवल पांच सौ के लिए ही लैपटॉप है। अब डीएम से बातचीत के बाद अब ढाई हजार लैपटॉप के लिए डिमांड पत्र भेजा जा रहा है। जैसे ही लैपटॉप बांटने के आदेश होंगे लैपटॉप वितरित कर दिए जाएंगे।

शिव कुमार ओझा, डीआईओएस