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PATNA (30 Jan) : पटना में एक ऐसा कॉलेज है जहां बिना क्लास गए डिग्री मिल जाती है। स्टूडेंट्स केवल एडमिशन लेने आते हैं। यह हाल है मीठापुर बस स्टैंड के पास फिरोज गांधी कॉलेज का। यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स एडमिशन कराते हैं। एडमिशन के बाद वे सिर्फ एग्जाम देने आते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब कॉलेज का मुआयना किया तो बंद क्लास रूम के बाहर उगे हुए घास हकीकत बयां कर रहे थे कि कई महीनों से ये खुले नहीं हैं। स्पेशल स्टोरी में पढि़ए फिरोज गांधी कॉलेज का सच

 

1500 स्टूडेंट्स हैं कॉलेज में

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से संबद्ध फिरोज गांधी कॉलेज के साइंस, आ‌र्ट्स और कॉमर्स डिपार्टमेंट में 1500 स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ है लेकिन क्लास करने के लिए एक भी छात्र नहीं आते हैं।

 

केवल डिग्री लेना है मकसद

नाम न छापने की शर्त पर कॉलेज के एक कर्मचारी ने बताया कि छात्र यहां पढ़ने के लिए नहीं सिर्फ डिग्री हासिल करने के लिए आते हैं। यहां वही छात्र एडमिशन लेते हैं जो पटना में रहकर मेडिकल, इंजीनियरिंग और यूपीएससी की तैयारी करते हैं।

 

बैठ कर टाइम पास करते हैं टीचर

इस कॉलेज में कुल 40 टीचर्स हैं। मगर छात्रों के नहीं आने से क्लास नहीं चलती है। ऐसे में सारे टीचर बैठकर बातचीत में समय बिताते हैं। इतना ही कॉलेज परिसर में अवैध रूप से अराजक तत्वों द्वारा रिक्शा स्टैंड चल रहा है।

 

स्थापना के समय से ही यही स्थिति

इस कॉलेज की यह स्थिति आज से नहीं बल्कि इसके स्थापना काल से यही हाल है। मूल प्रमाण पत्र लेने आए पूर्व छात्र रमेश कुमार ने बताया कि मैं 1995 बैच का स्टूडेंट हूं। मूल प्रमाण पत्र खो गया है उसी संबंध में आया हूं। कागजों में अटेंडेंस दिखाकर परीक्षा के समय एडमिट कार्ड दे दिया जाता है।

 

फिरोज गांधी कॉलेज के प्रिंसिपल शैलेन्द्र कुमार सिन्हा और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर के बीच हुई बातचीत के अंश

रिपोर्टर - सर कॉलेज की स्थापना कब हुई थी?

प्रिंसिपल - 1987 में।

रिपोर्टर - यहां स्टूडेंट्स नहीं आते हैं क्या?

प्रिंसिपल - स्टूडेंट्स आते हैं।

रिपोर्टर - आज तो एक भी स्टूडेंट नहीं है।

प्रिंसिपल - अभी एग्जाम का समय चल रहा है।

रिपोर्टर - मगर फ‌र्स्ट पार्ट का एग्जाम तो नहीं चल रहा है।

प्रिंसिपल- सच तो ये है कि जितने भी संबद्ध कॉलेज हैं सबका यही हाल है।

रिपोर्टर - कितने स्टूडेंट्स हैं यहां?

प्रिंसिपल- साइंस, आ‌र्ट्स और कॉमर्स मिलाकर कुल 1500.

रिपोर्टर - स्टूडेंट्स कब मिलेंगे?

प्रिंसिपल- अब मार्च के बाद ही स्टूडेंट्स मिलेंगे।

रिपोर्टर - क्या कॉलेज में अवकाश है?

प्रिंसिपल- नहीं, यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स यहां एडमिशन लेते हैं।

रिपोर्टर - क्या इसी कारण से ये लोग क्लास में नहीं हैं?

प्रिंसिपल- हां, यही कारण है।

रिपोर्टर - क्या आप इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

रिपोर्टर - चेतावनी दे रखा हूं।