एडमिशन के लिए फॉर्म परचेज करके सब्मिट करना किसी मुसीबत से कम नहीं। मंडे को कॉलेज की फस्र्ट कटऑफ लिस्ट आनी थी लेकिन इस झगड़े में फंस गई। लिस्ट कब आएगी किसी के पास कोई इन्फॉर्मेशन नहीं है। वीसी से सॉल्यूशन पूछा गया तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। स्टूडेंट्स के साथ-साथ पेरेंट्स भी परेशान हैं.

पता नहीं क्या होगा

कॉलेज में दो पक्षों के बीच क्या विवाद चल रहा है हम इसकी डिटेल्स में नहीं जाना चाहते हैं। वहां कुर्सी का पूरा चक्कर है। इसकी वजह से स्टूडेंट्स बहुत परेशान हैं। मंडे को जब स्टूडेंट्स फस्र्ट कटऑफ लिस्ट देखने कॉलेज पहुंचे तो पता चला कि लिस्ट नहीं आई है। उनके होश उड़ गए। लिस्ट कब निकलेगी? इस सवाल का जवाब किसी ने नहीं दिया.

अब आई मुसीबत

एक पक्ष ने जब स्टूडेंट्स से कहा कि सिर्फ बैंक से लिया गया एडमिशन फॉर्म ही वैलिड है तो उनकी हालत खराब हो गई। उनसे कहा गया कि कॉलेज से खरीदे गए फॉम्र्स बेकार है। करीब साढ़े चार हजार स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने कॉलेज से फॉर्म खरीदे थे। दूसरी तरफ बैंक से फॉर्म लेने वालों से दूसरा पक्ष कह रहा है कि कॉलेज वाले फॉम्र्स बेकार है। यानि इधर भी कन्फ्यूजन.

दो-दो forms वाले भी परेशान

इस झगड़े के चक्कर में कुछ स्टूडेंट्स ने दोनों जगह से फॉम्र्स खरीदकर भर दिए। वे भी परेशान हैं। उन्हें यही नहीं पता कि कौन-सा वाला फॉर्म एक्सेप्ट होगा। इससे ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ता मगर कटऑफ लिस्ट तो उनकी भी अटकी हुई है.

करें तो क्या?

स्टूडेंट कहते हैं कि दो-तीन दिनों में कई कॉलेजेस की कटऑफ लिस्ट आ जाएगी। वहां एडमिशन हो भी गया तो क्या ले लिया जाए या नहीं लिया जाए ये कन्फ्यूजन तो बना ही रहेगा.