ऐसे में वो कंफ्यूजन में हैं कि बोर्ड एग्जाम पर फोकस करें या कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की प्रिपेरेशन करें।

भारी पड़ रहा बदलाव

असेम्बली इलेक्शन की डेट्स को देखते हुए यूपी बोर्ड ने अपना एग्जाम शेड्यूल चेंज कर आगे तो शिफ्ट कर दिया है लेकिन ये  बदलाव हजारों स्टूडेंट्स के कॅरियर पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। नए शेड्यूल के मुताबिक बोर्ड के इंरमीडियट एग्जाम्स 16 मार्च से शुरू होकर 20 अप्रैल तक चलेंगे। जबकि इसके बीच में ही एक अप्रैल को पीएमटी, 8 अप्रैल को आईआईटी जेईई, 15 अप्रैल को एनडीए और 21-22 अप्रैल को यूपीएसईईई का एग्जाम है।

एक दिन का भी gap नहीं

कॉम्पटेटिव एग्जाम्स में एपियर होने के लिए तमाम स्टूडेंट्स को दूसरे शहर भी जाना पड़ेगा। सभी कॉम्पटेटिव एंट्रेंस एग्जाम संडे को हैं। राहत की बात इतनी ही है कि बोर्ड ने इस बात का ध्यान रखा है कि किसी पेपर की डेट कॉम्पटेटिव एग्जाम की डेट से क्लैश न करे। मगर, कॉम्पटेटिव और बोर्ड एग्जाम की डेट्स के बीच कोई गैप नहीं रखा गया। बोर्ड एग्जाम सैटरडे और मंडे को भी रखे गए हैं। कई कॉम्पटेटिव एग्जाम्स का सेंटर कानपुर में नहीं लखनऊ में ही पड़ता है। ऐसे में लखनऊ की भाग-दौड़ करने वाले स्टूडेंट्स फिजिकली और मेंटली बुरी तरह से थक जाएंगे। जिसका असर उनके रिजल्ट पर भी पड़ सकता है।

आखिर करें तो क्या?

यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट एग्जाम्स की टाइमिंग दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे है। ऐसे में एआईपीएमटी एग्जाम के लिए जिन स्टूडेंट्स का सेंटर लखनऊ होगा उन्हें सैटरडे को बोर्ड एग्जाम देने के तुरंत बाद लखनऊ भागना होगा। क्योंकि जरा सी देरी उनकी तैयारी पर पानी फेर सकती है। साथ ही संडे को एग्जाम देने के बाद मंडे को फिर उन्हें बोर्ड एग्जाम में एपियर होना पड़ेगा। इसी बात को लेकर स्टूडेंट्स काफी कनफ्यूज्ड और टेंशन में हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि प्रिपरेशन कैसे करें? क्योंकि बोर्ड में फेल होने पर उन्हें कॉम्पटेटिव कोर्स में एडमिशन मिलने का सवाल ही नहीं।

क्या करेंगे ISC और CBSE

एग्जाम की रीशेड्यूलिंग से स्टूडेंट्स का करियर दांव पर लग चुका है। सीबीएसई, आईएसई और यूपी बोर्ड में सबसे ज्यादा   यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स पशोपेस में हैं। फिलहाल, आईएसई और सीबीएसई की डेट्स  डिक्लेयर होना बाकी है। अब देखना यह है कि स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम को देखते हुए आईएसई और सीबीएसई अपना एग्जाम शेड्यूल क्या डिक्लेयर करते हैं।