एनसी हॉस्टल से शुरुआत

डीडीयू के चार ब्वाएज हॉस्टल में सबसे ज्यादा प्रॉब्लम नाथ चंद्रावत हॉस्टल में ही सामने आई थी। जिसे ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने सबसे पहले उसी हॉस्टल में मरम्मत का काम शुरु कर दिया है। इसमें जितने भी खंभे थे सभी के इर्द-गिर्द दीवार चलाकर उनको मजबूत किया जा रहा है वहीं इसके बाद छज्जे और टूटी फूटी दीवारों की रिपेयरिंग की जाएगी। यूनिवर्सिटी इंजीनियर राम गोपाल ने बताया कि अभी एनसी हॉस्टल की मेनटेनेंस का काम स्टार्ट हुआ है। बाकी हॉस्टल भी खाली हो रहे हैं, एक दो दिनों में कमरे खाली होते ही बाकी हॉस्टल की मेनटेनेंस का काम स्टार्ट कर दिया जाएगा।

लास्ट वीक स्टार्ट हुआ वर्क

यूनिवर्सिटी के इंजीनियर ने बताया कि हॉस्टल की मेनटेनेंस के लिए वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी ने पहले ही आदेश दे दिया था, जिस पर अम्ल करते हुए हॉस्टल मेनटेनेंस का काम स्टार्ट कर दिया गया है। इसकी मेनटेनेंस का काम लास्ट वीक स्टार्ट हो चुका है। कुछ ही दिनों में पूरे हॉस्टल की मेनटेनेंस का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद बाकी हॉस्टल में भी मेनटेनेंस का काम किया जाएगा, इसके बाद ही नए सेशन के स्टूडेंट्स को हॉस्टल एलॉट किए जाएंगे।

लास्ट ईयर खूब हुई थी प्रॉब्लम

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की हॉस्टल मेनटेनेंस को लेकर की गई लापरवाही की वजह से लास्ट इयर स्टूडेंट्स को सिर्फ प्रॉब्लम ही फेस करनी पड़ी थी। पहले यूनिवर्सिटी के एनसी हॉस्टल का छज्जा गिरने की वजह से स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी थी, वहीं कुछ दिन बाद विवकानंद हॉस्टल में भी छज्जा गिरने की वजह से एक स्टूडेंट्स का सिर फूट गया था। इसके बाद जनवरी में दोबारा एनसी हॉस्टल में छज्जा गिरने से स्टूडेंट्स बाल-बाल बचे थे।

बवाल की वजह बनी थी बिजली और पानी

लास्ट सेशन में स्टूडेंट्स को बिजली और पानी की वजह से प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी थी। यह मामला इतना ज्यादा बढ़ गया था कि स्टूडेंट्स को सड़क पर उतरना पड़ा था। इस आंदोलन में स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच कई बार ईंटे और पत्थर भी चले थे, जिसके बाद पुलिस ने रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। अगर यूनिवर्सिटी इस तरह की घटना को इस बार अवाइड करना चाहती है तो उन्हें हॉस्टल मेनटेनेंस के साथ बिजली और पानी का भी ख्याल रखना होगा, जिससे नए सेशन में आने वाले स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम न फेस करनी पड़े।