आईनेक्स्ट का बड़ा खुलासा

50 प्रतिशत स्कूलों में नहीं हैं प्रयोगशाला

परीक्षार्थियों के भविष्य से खिलवाड़

जब प्रयोगशाला ही नहीं तो कैसे होंगे प्रैक्टिकल

जिले में हैं यूपी बोर्ड के 337 स्कूल

10 जनवरी से शुरू हो चुके हैं बोर्ड प्रैक्टिकल

-एग्जाम के नाम पर हो रहा है सिर्फ पेपर वर्क

- परीक्षक भी एग्जाम में कर रहे हैं केवल खानापूर्ति

- 30 नंबर के प्रैक्टिकल में केवल कागजों पर ही हो रहा है प्रैक्टिकल

swati.bhatia@inext.co.in

MEERUT : इन दिनों यूपी बोर्ड के प्रैक्टिकल चल रहे हैं। दस जनवरी से शुरू होने वाले बोर्ड प्रैक्टिकल में जिले में केवल काम कागजों पर ही चल रहा है। यूपी बोर्ड प्रैक्टिकल के लिए सिटी में लगभग फ्फ्7 यूपी बोर्ड स्कूल हैं, जिनमें सरकारी, एडेड और गैर सरकारी सभी इंटर तक के स्कूल हैं। इन स्कूलों में भ्0 प्रतिशत स्कूल तो ऐसे ही हैं, जिनमें लैब ही नहीं है। प्रैक्टिकल एग्जाम को लेकर न तो कोई निरीक्षक जिम्मेदार नजर आ रहे हैं और न ही स्कूल।

यहां तो लैब ही नहीं है

जिले में करीब फ्फ्7 स्कूल हैं, जिनमें सरकारी, गैर सरकारी व एडेड स्कूल आते हैं। इन स्कूलों भ्0 प्रतिशत स्कूलों में तो लैब के बेहद बुरे हालात हैं। यहां कुछ स्कूल में तो लैब है ही नहीं और जिनमें लैब है वह इतनी पुरानी है कि वहां का सामान यूज करने लायक ही नहीं है। इस बार एग्जाम के नाम पर सिर्फ पेपर वर्क ही हो रहा है। यूपी बोर्ड में दसवीं व बारहवीं क्लास के प्रैक्टिकल दस जनवरी से शुरू हो गए हैं। करीब भ्0 हजार से अधिक स्टूडेंट्स में से कई ऐसे हैं, जिनके प्रैक्टिकल बगैर लैब के ही हो रहे हैं। हजारों स्टूडेंट्स को मा‌र्क्सशीट हाथ में आने पर ही पता चलेगा कि उन्होंने प्रैक्टिकल दिया भी था।

साइंस लैब के हैं बुरे हालात

यूपी बोर्ड स्कूलों में खासतौर पर साइंस लैब के तो बुरे हालात हैं। केमिस्ट्री की लैब में भी प्रयोग के लिए अब सभी तरह केमिकल मौजूद नहीं रहते और वहीं फिजिक्स की लैब का भी बुरा हाल है। कहीं-कहीं तो स्कूलों में तीनों लैब भी अलग-अलग नहीं है, जबकि तीनों लैब का अलग-अलग होना बेहद आवश्यक है। इन तीनों लैब के बिना तो साइंस का प्रैक्टिकल होना असंभव है।

फर्जी स्कूलों के स्टूडेंट्स कहां जाए

डीएम ने भी अभी जिले में फर्जी स्कूलों पर कार्रवाई के आदेश के बाद डीआईओएस ने भी कुछ स्कूलों के फर्जी निकलने पर यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट को सरकारी स्कूलों में अटैच कर दिया है, लेकिन सवाल यह है कि कि जब स्कूलों में प्रैक्टिकल लैब सिटिंग प्लान के अनुसार बनाई जाती है, उन्हें प्लान से अधिक स्टूडेंट्स आने पर किस तरह प्रैक्टिकल होगा। एसडी ग‌र्ल्स सदर की टीचर रानी शर्मा का कहना है कि उनके यहां जितने स्टूडेंट्स का प्रैक्टिकल है, उतनी व्यवस्था नहीं है। दुर्गाबाड़ी स्कूल की टीचर मधुबाला का कहना है कि उनके यहां सिर्फ फ्00 स्टूडेंट्स के लिए प्रैक्टिकल कराने की व्यवस्था थी, लेकिन कई स्कूलों के स्टूडेंट्स बढ़ने के कारण प्रैक्टिकल के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है, अगर शिक्षा विभाग की फर्जी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई बनी थी, तो एडमिशन के समय पर करते ताकि स्टूडेंट्स को इस तरह की दिक्कत न आए।

चल रही खानापूर्ति

इंटर में तीस नंबर के प्रैक्टिकल में निरीक्षक भी केवल खानापूर्ति ही कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सेंटर पर जाकर केवल सिग्नेचर ही किए जा रहे हैं। टीचर भी केवल अपने स्कूलों के स्टूडेंट्स का पुराना रिकॉर्ड बताकर स्टूडेंट्स को नंबर दिलाने का व देने का काम कर रहे हैं। इसलिए यहां प्रैक्टिकल में केवल खानापूर्ति का ही काम किया जा रहा है।

हमारे स्कूल में तो लैब है। जीव जंतु का होना तो किसी भी लैब में अब संभव नहीं है। वैसे कोशिश की जाती है स्कूल में इस तरह के इंतजाम भी किए जाए।

अरुण, साइंस टीचर, किसान इंटर कॉलेज माधवपुरम

स्कूल में जितने स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल हैं, उतने स्टूडेंटस की व्यवस्था नहीं है। अब प्रैक्टिकल तो जैसे तैसे हो ही रहे हैं।

अराधना, साइंस टीचर, एसडी ग‌र्ल्स सदर

स्कूल में लैब की पूरी व्यवस्था है, हां कुछ स्कूलों में लैब नहीं है इस बारे में हम कुछ कह नहीं सकते। लेकिन हमारे स्कूल में हर तरह की व्यवस्था है।

रजनी शंखधर, प्रिंसीपल आरजी इंटर कॉलेज

पहले स्कूलों में बच्चों को बायो के लिए स्पेशल जीव जंतु पर प्रयोग करवाया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है, इसके अलावा अब स्कूलों में प्रैक्टिकल कराने में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

बीबी बंसल, प्रिंसीपल एसडी ब्वॉयज सदर

अगर किसी स्टूडेंट के प्रैक्टिकल में कोई दिक्कत आ रही है तो उसके लिए दूसरे ऑप्शन में सेंटर दिया जाएगा। इसकी व्यवस्था भी की जा रही है।

संजय यादव, क्षेत्रीय बोर्ड सचिव

जिन स्कूलों में लैब नहीं है वहां के स्टूडेंट्स के लिए ऑप्शन में दूसरा सेंटर दे दिया गया है, इसके अलावा अगर कोई भी निरीक्षक प्रैक्टिकल लेने में लापरवाही या खानापूर्ति करता है तो संबंधित सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एके मिश्रा, डीआईओएस