- इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स का मामला

- मैनेजमेंट ने कॉलेज को बंद करने का लिया फैसला

GORAKHPUR : गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स के मैनेजमेंट और टीचर्स में ठन गई है। टीचर्स जहां सैलरी बढ़ाने की डिमांड को लेकर अड़े हुए हैं, वहीं कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन भी इस मामले में कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा है। पिछले कुछ दिनों से मैनेजमेंट और टीचर्स के बीच चल रही खींचा-तानी का असर अब स्टूडेंट्स पर पड़ने लगा है। मैनेजमेंट की मनमानी से परेशान टीचर्स जहां हड़ताल पर चले गए हैं, वहीं आनन-फानन में मैनेजमेंट ने कॉलेज को अनिश्चितकाल तक बंद करने का फैसला ले लिया है।

पढ़ाई हो गई चौपट

टीचर्स और मैनेजमेंट की रार स्टूडेंट्स को नुकसान पहुंचाने लगी है। कॉलेज के स्टूडेंट्स की मानें तो क्म् अगस्त से उनकी प्रॉपर क्लासेज स्टार्ट हो चुकी हैं। इस बीच यह मामला हो गया, जिसकी वजह से क्लासेज डिस्टर्ब हो गई हैं। स्टूडेंट्स की मानें तो बीकॉम फ‌र्स्ट इयर, सेकेंड इयर, बीएससी फ‌र्स्ट इयर और एमकॉम फ‌र्स्ट इयर की प्रॉपर क्लासेज स्टार्ट हो चुकी हैं। कॉलेज बंद होने की सूचना जब वीसी प्रो। अशोक कुमार तक पहुंची तो उन्होंने इस पर तुरंत ही कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। शाहिद जमाल को सभी दस्तावेजों और मामले से जुड़ी सभी इंफॉर्मेशन के साथ तलब किया है। उन्होंने कहा है कि स्टूडेंट्स हित सभी के लिए ऊपर होना चाहिए और इस मामले में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पैसा बढ़ाने की डिमांड पर अड़े टीचर्स

इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स की बात करें तो यहां पर बीकॉम, एमकॉम और बीएससी की पढ़ाई होती है। यहां पर क्ख् कॉमर्स और फ् साइंस के अप्रूव्ड टीचर मौजूद हैं। इसके अलावा करीब भ् टीचर्स ऐसे हैं, जो नॉर्मस तो पूरे करते हैं, लेकिन किन्हीं वजह से उन्हें अब तक अप्रूवल नहीं मिल सका है। टीचर्स की मानें तो कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से वह लगातार कई सालों से पैसा बढ़ाने की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन कोई न कोई बहाना बनाकर वह टाल मटोल करते ही रहते हैं। इस मामले में उनसे हाल ही में बात की गई तो उन्होंने कुछ लोगों को दूसरी जगह नौकरी तलाशने का सजेशन भी दे डाला, मगर इस बार टीचर्स एकजुट हो चुके हैं और उन्होंने एक न सुनने का फैसला कर लिया है। इसके लिए उन्होंने वीसी प्रो। अशोक कुमार से लिखित शिकायत भी की है।

मैनेजमेंट का कुछ और ही कहना

एक तरफ जहां टीचर्स, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का इस मामले में कुछ और ही कहना है। कॉलेज के मैनेजर शरीफ अहमद की मानें तो अगस्त में टीचर्स उनसे सैलरी बढ़ाने की डिमांड कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने टीचर्स से क्भ् सितंबर तक की मोहलत मांगी थी। मैनेजर की मानें तो जब टीचर्स उनसे मिले तो इस दौरान एडमिशन चल रहे थे, जिसकी वजह से उनकी सैलरी पर फैसला नहीं हो सकता था, क्भ् सितंबर तक जब सभी एडमिशन क्लोज हो जाएंगे, तो स्थित कुछ क्लीयर हो जाएगी और उसके बाद बैठक कर उनकी डिमांड पर विचार किया जाएगा, लेकिन सैलरी अकाउंट में पहुंचने के बाद ख् सितंबर से टीचर्स ने क्लासेज लेना बंद कर दिया और उसके बाद हड़ताल पर चले गए।

टीचर्स ने सैलरी को लेकर कंप्लेन की है। वहीं आज कॉलेज बंद होने का मामला संज्ञान में आया है। इसके लिए कॉलेज के प्रिंसिपल को सभी डॉक्युमेंट्स के साथ बुलाया है।

- प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयू

टीचर्स ने सैलरी बढ़ाने की डिमांड की थी, इसके लिए उनसे क्भ् सितंबर तक का वक्त मांगा गया था, लेकिन वह हड़ताल पर चले गए हैं, जिसकी वजह से कॉलेज बंद करना पड़ा है। थर्सडे को इस मामले को सॉर्ट आउट कर लिया जाएगा।

- शरीफ अहमद, मैनेजर, इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स

कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से पिछले कई दिनों से सैलरी बढ़ाने की डिमांड की जा रही थी, लेकिन उनके ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है। इस मामले में वीसी साहब को रिटेन कंप्लेन की गई है।

- डॉ। नितिन बख्शी, टीचर, इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स