ECC में छात्रों का भारी हंगामा, प्रिंसिपल को कमरे में बंद किया, क्लासेस बंद कराई, परीक्षा भी रुकवाई

कॉलेज को 24 मार्च तक के लिये किया गया बंद

ALLAHABAD: यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज जंग का मैदान बन गया है। कॉलेज प्रशासन और छात्र आमने-सामने हैं। कारण है शहीद भगत सिंह की मूर्ति की कॉलेज में फिर से स्थापना। वह भी 23 से पहले। इसके लिए छात्रों ने सोमवार को जमकर गदर काटा। प्रिंसिपल को बाहर से ताला जड़कर उनके कैमरे में ही कैद कर दिया। क्लासेस बंद करवा दीं और परीक्षाओं का आयोजन भी ठप करवा दिया। जिसके बाद बिगड़ते हालात को देखते हुये कॉलेज को 24 मार्च तक के लिये बंद कर दिया गया है।

हटवाया तो लगवाया क्यों नहीं

छात्रों के मुताबिक ईसीसी में गेट के समीप कुछ वर्ष पहले शहीद भगत सिंह की मूर्ति स्थापित थी। जिसे कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने मेंटेनेंस के नाम पर हटवा दिया। छात्रों का कहना है कि तब इस बात के लिये आश्वस्त किया गया था कि मूर्ति को स्थापित कर दिया जायेगा। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। इस बीच 23 मार्च को राष्ट्रव्यापी आयोजन शहीदी दिवस के नजदीक आने के साथ ही छात्र आन्दोलित हो उठे। उनकी मांग है कि शहीद की प्रतिमा को यथावत स्थान पर दोबारा से स्थापित किया जाये।

गवर्निग बॉडी का फैसला नामंजूर

इसे लेकर बीते शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। इस बीच गवर्निग बॉडी ने फैसला सुनाया कि कॉलेज में किसी भी तरह की मूर्ति की स्थापना नहीं की जा सकती। इसके लिये पवित्र बाईबिल का हवाला दिया गया, साथ ही अल्पसंख्यक संस्थान होने के नाते संविधान प्रदत्त शक्तियों के हवाले से कहा गया कि कॉलेज उनके द्वारा बनाये गये नियमों से चलेगा। इसी के साथ यह भी कहा गया कि कॉलेज शहीदों और महापुरूषों के सम्मान के लिये प्रतिबद्ध है। उनकी मूर्ति स्थापना की बजाय सेमिनार और संगोष्ठियों के जरिये छात्रों को शहीदों के बारे में जानकारी दी जायेगी।

अपशब्दों के इस्तेमाल से बिगड़ी बात

इधर, कॉलेज का रूख जानने के बाद मंडे को छात्र एक बार फिर आन्दोलित हो उठे। उन्होंने परिसर में कक्षाओं को बंद करवा दिया, साथ ही कक्षाओं में चल रहे इंटरनल एग्जाम को भी रुकवा दिया। छात्रों की मानें तो कॉलेज की करनी और कथनी में अंतर है। आरोप है कि यहां के शिक्षकों ने शहीद के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया। जिससे बात बनने की बजाय बिगड़ी। पूरे दिन परिसर में सैकड़ों की तादात में जमा छात्रों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मेन गेट पर ताला जड़ दिया गया और प्रिंसिपल ऑफिस में भी ताला लगाकर छात्रों ने हंगामा किया। छात्रों के भारी हंगामें की जानकारी पाकर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। इससे छात्रों के उग्र तेवर को काबू में किया जा सका। बावजूद इसके कैम्पस में छात्रों का प्रदर्शन देर शाम तक जारी रहा। प्रदर्शन में छात्रसंघ अध्यक्ष गोपाल पांडेय, उपाध्यक्ष रजनीश पांडेय, महामंत्री आशीष मिश्रा, समाजवादी छात्रसभा के आकिब जावेद, ऋषभ टंडन, संदीप यादव, आशीष पांडेय बर्फीला, अरुण, नेदा फातिमा, सुरभि सिंह, अंजली मिश्रा आदि शामिल रहे।

Annual के बाद इंटरनल एग्जाम

लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुये प्रिंसिपल डॉ। एम। मैसी ने स्टॉफ मेम्बर्स की इमर्जेट मीटिंग कॉल की। प्रिंसिपल के मुताबिक पूरा स्टॉफ मूर्ति स्थापित न किये जाने के निर्णय से सहमत है। 23 मार्च को शहीदी दिवस को देखते हुये कॉलेज को 24 मार्च तक के बंद कर दिया गया है। इस दौरान पठन-पाठन और सभी तरह की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। प्रिंसिपल डॉ। एम। मैसी ने बताया कि अब एनुअल एग्जाम के बाद ही इंटरनल एग्जाम होंगे। मौजूदा हालातों में इंटरनल एग्जाम करवा पाना संभव नहीं है। कहा कि अगर 17 अप्रैल से पहले तक हालात काबू में रहते हैं तो ही एनुअल एग्जाम होंगे। परीक्षा में देरी के लिये छात्रसंघ, छात्रनेता और प्रदर्शन में शामिल छात्र जिम्मेदार होंगे।

छात्रों का प्रदर्शन शहीद की प्रतिमा स्थापित होने तक जारी रहेगा। अगर कॉलेज प्रशासन शहीद भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित नहीं करता तो छात्र खुद इसे स्थापित कर देंगे।

गोपाल पांडेय, अध्यक्ष छात्रसंघ

हम शहीदों के सम्मान के लिये प्रतिबद्ध हैं। छात्रों को लिखकर दे दिया गया है कि अगर वे चाहें तो शहीदों के सम्मान में कॉलेज में शहीदों के नाम से गैलरी बनवाई जायेगी। जिसका लाभ शिक्षा की दृष्टि से छात्रों को मिलेगा। मूर्ति स्थापना की बात से पूरा कॉलेज स्टॉफ सहमत नहीं है।

-डॉ। एम। मैसी,

प्रिंसिपल ईसीसी