-संस्कृत यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के धरना प्रदर्शन से हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर

आंदोलन से ऑफिस में नहीं हो पा रहा काम, एग्जाम की तैयारियों पर लगा ब्रेक

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में इस समय एग्जाम की तैयारी का समय है लेकिन यहां स्टूडेंट्स के चल रहे धरना-प्रदर्शन ने इसमें रोड़ा अटका दिया है। लगातार नौ दिन तक सेंट्रल ऑफिस के सामने छात्रों के धरना देने से ऑफिस का पूरा काम ठप हो गया है। जानकारों के मुताबिक 9वें दिन आंदोलन के दौरान छात्रों से यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की वार्ता भी हुई लेकिन बेनतीजा रही। ऐसे में एग्जाम की तैयारी ही नहीं हो पा रही है। यह हाल तब है जबकि गवर्नर ने समय से एग्जाम कराने का निर्देश दिया है।

हठ बढ़ा रहा मुश्किल

छात्रसंघ महामंत्री के हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छात्रों ने 9वें दिन गुरुवार को भी धरना दिया था। इस दौरान यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन व छात्रों के बीच वार्ता भी हुई लेकिन कोई सॉल्यूशन नहीं निकला। इस पर वीसी ने पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने पर सहमति दे दी। इसके बाद भी स्टूडेंट्स नहीं माने। और उन्होंने अपना धरना समाप्त नहीं किया। इससे समस्या और बढ़ गयी। आंदोलन जब तक समाप्त नहीं होगा तब तक एग्जाम की तैयारियां प्रभावित रहेंगी।

पूरे देश में कॉलेज

कैंपस में नौ दिन से धरनारत छात्रों पर कार्रवाई के लिए पुलिस के पास पर्याप्त सबूत है। पुलिस ने छात्रों द्वारा ऑफिस बंद कराने, वीसी के साथ विवाद करने, रोक के बावजूद धरना देने की रिकार्डिग की है। ऑफिसर्स का सिग्नल मिलते ही धरना दे रहे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दे दिया जाएगा। लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स को लेकर बैकफुट पर है। बता दें कि यूनिवर्सिटी से पूरे देश में एफिलिएटेड कॉलेज हैं। जिनमें एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स शास्त्री व आचार्य में रजिस्टर्ड हैं।

ताकि और न हो लेट

एग्जाम की तैयारी में और लेट से बचने के लिए धरनारत छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को भी पत्र लिखा गया। चीफ प्रॉक्टर प्रो। आशुतोष मिश्र की ओर से डीएम को लिखे लेटर में कहा गया है कि परीक्षाओं को देखते हुए गवर्नमेंट ने यूनिवर्सिटी में धरना-प्रदर्शन व स्ट्राइक पर बैन लगाया हुआ है। इसके बावजूद सेंट्रल ऑफिस के सामने स्टूडेंट धरने पर बैठे हुए हैं। इसके चलते एग्जाम की तैयारियों का कार्य प्रभावित हो रहा है। यदि छात्रों का आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होता है तो सेशन लेट होना तय है। ऐसे में छात्रों का धरना-प्रदर्शन तत्काल समाप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। नौवें दिन देर शाम तक इस पर बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया था।