एक होनहार स्टूडेंट्स के लिए कन्वोकेशन सबसे अहम दिन होता है, वजह चार साल की मेहनत के बाद डिग्री जो मिलती है। ऐसा ही खास दिन कॉलेज ऑफ आकर््िटेक्चर के बीआर्क स्टूडेंट योगेन्द्र पाल सिंह यादव के लिए भी था। सैकड़ों स्टूडेंट्स के बीच गर्वनर के हाथों से सिल्वर मेडल लेने के लिए उनका नाम पुकारा गया। योगेन्द्र स्टेज पर भी गए लेकिन जब गर्वनर उनको मेडल देने लगे तो उन्होंने उसे लेने से साफ इंकार कर दिया। योगेन्द्र ने गर्वनर बीएल जोशी से कहा कि सर ऐसा मेडल और डिग्री लेने से क्या फायदा जिससे एक अच्छी नौकरी ना मिल सके। अगर देना ही है तो आप काउंसिल ऑफ आकर््िटेक्चर से रजिस्ट्रेशन दिलवा दीजिए.
योगेन्द्र के मेडल लेने से इंकार के बाद स्टेज पर हड़कंप मच गया। प्रोग्राम में मौजूद विशिष्ट अतिथि पूर्व जस्टिस ऑफ इंडिया आरएस लोहाटी से लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार तक स्टूडेंट्स को समझाते रहे, लेकिन योगेन्द्र बिना मेडल लिए ही नीचे उतर आए.
गोल्ड मेडल भी वापस कर दिए
गौतमबुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन में पूरे प्रदेश के विभिन्न कोर्सेज के स्टूडेंट्स को जहां मेडल दिए जा रहे थे तो वहीं पंडाल के बाहर गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आकर््िटेक्चर के स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन की मांग को लेकर गर्वनर साहब से गुहार लगा रहे थे। कॉलेज ऑफ आकर््िटेक्चर से भी दो होनहार स्टूडेंट्स आसफा सिद्दीकी को गोल्ड और योगेन्द्र को सिल्वर मेडल मिलना था। आसफा ने तो गोल्ड मेडल स्वीकार करने के बाद उसे यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के हवाले कर दिया, लेकिन योगेन्द्र पाल ने स्टेज पर ही मेडल लेने से इंकार कर दिया.
मुझे oath दिलाई थी गवर्नर सर ने
कन्वोकेशन में स्टूडेंट्स को डिग्री देने से पहले कमस दिलाई जाती है कि वह अपनी फील्ड में पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे। योगेन्द्र पाल ने कहा कि मेरा गर्वनर बीएल जोशी का अपमान करने का इरादा नहीं था। जब उन्होंने कसम दिलाई तो मुझे अहसास हुआ कि हमारा कॉलेज काउंसिल ऑफ आकर््िटेक्चर से रजिस्टर्ड नहीं है इसलिए हमें जो भी डिग्री मिलेगी वह अवैध होगी। उस डिग्री को लेकर मैं अपना काम ईमानदारी से नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैंने डिग्री लेने से इंकार कर दिया.
दोस्तों ने तालियों से किया स्वागत
किसी स्टूडेंट को गोल्ड और सिल्वर मेडल मिलना सबसे खुशी का क्षण होता है। उसे नकारने के लिए हिम्मत और जज्बा चाहिए होता है, जो आकर््िटेक्चर कॉलेज के स्टूडेंट्स में दिखा। गोल्ड मेडल वापस करने के बाद आसफा सिद्दीकी की आंखों में आंसू आ गए और स्टेज से उतरने के बाद रोने लगी। वहीं योगेन्द्र पाल जब बिना डिग्री लिए वापस आए तो उनकी इस हिम्मत के लिए पंडाल के बाहर खड़े स्टूडेंट्स ने उनका स्वागत तालियों से किया और उसको गले से लगा लिया.
इसके लिए आप को भुगतना पड़ेगा
अंदर गवर्नर साहब स्पीच दे रहे थे तो बाहर स्टूडेंट्स वी वांट रजिस्ट्रेशन के नारे लगा रहे थे। स्टूडेंट्स को समझाने के लिए गवर्नर के प्रमुख सचिव जीबी पटनायक मौके पर पहुंचे, लेकिन स्टूडेंट्स ने उनकी भी नहीं सुनी। इतने में आकर््िटेक्चर कॉलेज के प्रिसिंपल प्रो। मुकुल सिंह भी वहां पर पहुंच गए। फिर क्या था जीबी पटनायक का गुस्सा स्टूडेंट्स के बजाए प्रिसिंपल पर उतरा। उन्होंने स्टूडेंट्स के सामने ही प्रो। मुकुल सिंह को फटकार लगानी शुरु कर दी.
उन्होंने कहा कि यह सब आप की गलती का नतीजा है जिसकी वजह से यह प्रोग्राम खराब हुआ है। इसके लिए आप को पे करना होगा। इसके बाद स्टूडेंट्स और प्रो। मुकुल सिंह के बीच बहस शुरू हो गई। स्टूडेंट्स का कहना था कि सर यह सब आप की वजह से हुआ है। आप की ही वजह से आज तक काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पाया है। कन्वोकेशन के बाद भी यह मुद्दा काफी देर तक यूनिवर्सिटी में गर्माया रहा। वहीं राज्यपाल बीएल जोशी ने इसको लेकर अपनी नाराजगी कुलपति और रजिस्ट्रार से जाहिर की। इस पूरी घटना की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराने को कहा.
गवर्नर ने की students से बात
कन्वोकेशन खत्म होने के बाद राज्यपाल बीएल जोशी ने शाम को कॉलेज ऑफ आकर््िटेक्चर के पांच स्टूडेंट्स इसमें योगेन्द्र पाल सिंह, आसफा सिद्दीकी, मोहम्मद नदीम, शशांक और अंशुमान को राजभवन में बातचीत के लिए बुलाया। अंशुमान ने बताया कि गवर्नर साहब ने उनसे पूरे मामले की जानकारी हासिल की। गवर्नर ने स्टूडेंट्स को बताया कि इस बारे में उनको ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नहीं था तो फिर एडमिशन क्यों लिए गए.
इसके बाद स्टूडेंट्स ने उनको बताया कि प्रो। मुकुल सिंह हमेशा उनको यही आश्वासन देते थे कि टीचर्स के सेलेक्शन की लिस्ट राजभवन में है, जिस पर गवर्नर साहब की साइन नहीं हुई है। इस पर गवर्नर बीएल जोशी ने स्टूडेंट्स को बताया कि ऐसी कोई सूची राजभवन के पास नहीं है और राजभवन में कोई काम पेडिंग नहीं रहता है।
स्टूडेंट्स का कहना है कि पिछले तीन साल से प्रो। मुकुल सिंह उनको गवर्नर साहब के नाम पर बेवकूफ बनाते चले आ रहे है। स्टूडेंट्स से सारी जानकारी हासिल करने के बाद गवर्नर बीएल जोशी ने कुलपति प्रो कृपाशंकर, रजिस्ट्रार यूएस तोमर, प्रिसिंपल मुकुल सिंह समेत प्राविधिक शिक्षा मंत्री सदल प्रसाद को राजभवन में तलब किया। जहां पर देर रात इस मामले पर उनसे बात की। गवर्नर ने स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया है कि वह खुद अब इस मामले में हस्तक्षेप किया है.
क्या मैं यहां से निकल जाऊं?
पंडाल के बाहर स्टूडेंट्स नारेबाजी कर रहे थे, अंदर गवर्नर साहब होनहार स्टूडेंट्स को मेडल दे रहे थे। पूरे पंडाल में सभी अपनी कुर्सियों पर बैठे हुए थे, लेकिन प्रो। मुकुल सिंह पूरे पंडाल में सिर्फ टहल रहे थे। कभी वह स्टूडेंट्स की तरफ जा कर देखते थे कि वह अब क्या कर रहे है, तो कभी रजिस्ट्रार के पास आते तो कभी पुलिस के अधिकारियों के पास जाते और उनको कहते थे कि तैयार रहें, स्टूडेंट कुछ भी कर सकते हैं। जब मामला बढ़ा तो प्रोफेसर साहब चुपके से रजिस्ट्रार के पास पहुंचे और बोले कि क्या मैं यहां से निकल जाऊं.
मुझे कॉलेज ऑफ आकर््िटेक्चर में चल रही प्रॉब्लम के बारे में नहीं पता था। इस बारे में मैंने वाइस चांसलर से जानकारी मांगी है जो भी प्रॉब्लम होगी उसे दूर किया जाएगा और स्टूडेंट्स के हित के प्रति हम आशावान हैं.
-बीएल जोशी, गवर्नर, उत्तर प्रदेश

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