PRAYAGARAJ: अस्थि विसर्जन के लिए महाराष्ट्र से आये लोगों से भरी नाव पलटने के हादसे में जान गंवाने वाले रमाकांत उर्फ रमेश दिगंबर राव वैश का शव भी शनिवार को महाराष्ट्र भेज दिया गया। अलग बात है कि प्रशासन के हाथ खड़े करने पर शुआट्स में पढ़ने वाले छात्रों ने चंदा जुटाकर पैसे का इंतेजाम किया।

बता दें कि महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के नयागांव थाना क्षेत्र के रहनार कोलंबी गांव से 14 लोग कौशबाई दिगंबर रामराव की अस्थियां लेकर दस दिसंबर को प्रयागराज आए थे। सोमेश्वर महादेव मंदिर के निकट नाव यमुना में समा गयी। हादसे में आठ की मौत हो गयी थी जबकि छह को बचा लिया गया था। घटना के बाद यहां पहुंचे परिजन सात शवों को ही अपने साथ ले जा सके थे। आठवें सदस्य रमाकांत उर्फ रमेश दिगंबर राव वैश का कुछ पता नहीं चल रहा था। शुक्रवार को उसकी भी बॉडी बरामद हो गयी। जानकारी मिलते ही सैम हिग्गिनबॉटम युनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस में पढ़ने वाले नांदेड़ के करीबी छात्रों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शिनाख्त की। छात्र भूषण रेंगे व सोमेश्वर का आरोप है कि उन्होंने प्रशासनिक अफसरों व मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी बात की लेकिन कुछ नहीं हुआ। हार कर चंदा लगाकर शव भेजवाने का इंतजाम किया। शव रखने के लिए पांच हजार रुपये में ताबूत भी बनवाया।

महाराष्ट्र शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दी जा सकी तो सीएमओ की कोई मजबूरी रही होगी। इस बारे में वही बता सकते हैं।

एमपी सिंह,

एडीएम वित्त एवं राजस्व