CHAPRA/PATNA : जाम में फंसकर स्कूली छात्र भूख से बिलबिलाते रहते हैं और प्रशासन इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 15 से 20 मिनट का सफर तय करने में स्कूली बसों को 3 से 4 घंटे लग जाते हैं। यह कोई एक दिन की कहानी नहीं है। छपरा में हर दिन बच्चे स्कूल से घर आते जाते समय जाम में फंसकर भूख से छटपटाते रहते हैं। बच्चों का कहना है कि उन्हें रोजाना जाम में फंसे रहना पड़ता है। इसके साथ ही इन नौनिहालों को सड़क किनारे उड़ने वाली धूल और सैंकड़ों गाडि़यों से निकलने वाला धुआं फांक कर बीमार होना पड़ रहा है।

 

15 किमी की दूरी रूला रही

डोरीगंज से भिखारी ठाकुर चौक के बीच करीब 15 किलोमीटर की दूरी में यह क्रॉनिक समस्या सैंकड़ों स्कूली बच्चों को रूला रही है। इस सड़क के दोनों ओर बसे डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों के अलावा आसपास के कई गांवों से बच्चें पढ़ने के लिए छपरा के विभिन्न स्कूलों में रोज आते-जाते हैं। उनके लिए यही सड़क एकमात्र उपाय है, जिसपर उनकी स्कूल गाडि़यां आया-जाया करती है। करीब 15-20 मिनट की दूरी इन गाडि़यों को रोजाना 3 से 4 घंटे में तय करना पड़ रहा है।

 

प्रदूषण बिगाड़ रहा सेहत

डोरीगंज से भिखारी चौक तक लगने वाले रोजाना की जाम के कारण च्कूली बच्चे रोज काफी पहले हीं घर से निकलते हैं। वहीं तीन बजे स्कूल से छूटने के बाद छह-सात बजे तक गाडि़यों में ही फंसे रहते हैं। इस कारण अभिभावक तो ¨चतित रह ही रहे हैं स्कूल संचालकों के बीच भी हमेशा अंदेशा बना रह रहा है। इतना ही नहीं सड़क के दोनों किनारे भरे गए मिट्टी से लगातार उड़ते धूल और सैंकड़ों गाडि़यों के धुचं से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। भिखारी चौक से घेघटा तक इस महत्वपूर्ण सड़क के किनारे लगातार सैंकड़ों गाडि़यां खड़ी कर अतिक्रमण की समस्या भी पैदा किया जा रहा है। यह सभी गाडि़यां गैराज वालों की देन होते हैं, जो उनकी मरम्मत के नाम पर सड़क किनारे ही खड़ी कर रहे हैं।

 

जान पर जाम भारी

छपरा से गंभीर स्थिति वाले मरीजों को पटना के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाने वाले एंबुलेंस के लिए यही एक त्वरित मार्ग है। जिस पर जाम के कारण कई बार उन्हे फजीहत झेलनी पड़ रही है। पिछले कुछ महीनों में इस सड़क पर जाम में फंस कई मरीजों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया है। वहीं सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचने वाली प्रसूतियों के लिए भी यह काल बन रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने इस मार्ग पर वाहनों के परिचालन को लेकर कई तरह के नियम भी बना रखे हैं, लेकिन यहां तैनात हो रह पुलिस अधिकारियों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है। उल्टे गाडि़यों की जांच के नाम पर बीच सड़क में ही वाहनों को रोक कर अनावश्यक समस्या उत्पन्न की जा रही है।

 

परीक्षार्थी भी मुसीबत में

6 फरवरी से इंटर और 22 फरवरी से मैट्रिक की मुख्य परीक्षा होनी है। भिखारी ठाकुर चौक से डोरीगंज के बीच करीब एक दर्जन परीक्षा केंद्र भी बनाए गए हैं। परीक्षा में सम्मिलित होने हजारों की संख्या में यहां पहुंचने वाले परीक्षार्थियों के लिए जाम गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। उन्हें कई बार जाम में फंस कर परीक्षाएं भी छूटने का अंदेशा है।