वोटर लिस्ट की जाएगी तैयार
प्रॉक्टर दिवाकर मिंज ने बताया कि अगस्त महीने तक सभी कॉलेजेज में एडमिशन प्रोसेस समाप्त हो जाएंगे। इसके बाद यूनिवर्सिटी की ओर से इलेक्शन के लिए नोटिफिकेशन जारी कर कॉलेजेज को वोटर्स लिस्ट तैयार करने का डायरेक्शन दे दिया जाएगा। खास बात है कि वोटर्स लिस्ट में न्यू स्टूडेंट्स का नाम भी जोड़ा जाएगा, ताकि वे भी वोटिंग प्रोसेस में शामिल हो सकें। वोटर्स लिस्ट तैयार होने के बाद पहले कॉलेज लेवल और फिर यूनिवर्सिटी लेवल पर स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन कराए जाएंगे। इस बार भी ये इलेक्शन इनडायरेक्ट प्रोसेस से कराए जाएंगे। हालांकि, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयूी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और बीएचयू की तर्ज पर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस लगातार डायरेक्ट प्रोसेस से इलेक्शन कराने की डिमांड कर रहे थे।

टलता आ रहा है इलेक्शन
रांची यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन कई बार टाले जा चुके हैं। कभी डायरेक्ट और इनडायरेक्ट इलेक्शन प्रोसेस को लेकर तो कभी सिक्योरिटी अरेंजमेंट नहीं होने से इलेक्शन टलते रहे हैं। मालूम हो कि आरयू की हिस्ट्री में 28 सालों के बाद पहली बार स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन 2007 में हुए थे.इसके बाद 2008 में इलेक्शन का होना था, लेकिन हमेशा किसी न किसी बहाने इलेक्शन टलते रहे। हालांकि 2011 में यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने की अनाउंसमेंट कर दी थी। कॉलेजेज में इस बाबत तैयारियां भी शुरू हो गई थी, पर बीच में इलेक्शन प्रोसेस रोक दी गई। इसकी वजह प्रॉपर सिक्योरिटी अरेंजमेंट का नहीं होना यूनिवर्सिटी ने बताया था। फिर 2012 में एकबार फिर इलेक्शन कराने की सुगबुगाहट यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ, पर डायरेक्ट-इनडायरेक्ट इलेक्शन के पेंच में इलेक्शन पर ही ग्रहण लग गया। हालांकि स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस इलेक्शन कराने की डिमांड को लेकर यूनिवर्सिटी में लगातार प्रोटेस्ट करते रहे हैं। इस बाबत स्टूडेंट्स लीडर्स ने जहां वीसी समेत कई ऑफिशियल्स का घेराव किया, वहीं यूनिवर्सिटी हेडक्वार्टर में धरना-प्रदर्शन कर अपनी डिमांड्स से अवगत कराते रहे। अब फिर से यूनिवर्सिटी ने सितंबर में इलेक्शन कराने की बात कही है। अब देखना है कि इसबार इलेक्शन समय पर होते हैं अथवा फिर टाल दिए जाते हैं।

पांच पोस्ट्स के लिए इलेक्शन
यूनिवर्सिटी लेवल पर स्टूडेंट्स यूनियन के पांच पोस्ट्स के लिए इलेक्शन होंगे। इसमें प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी का पोस्ट शामिल है। इसके अलावे रांची यूनिवर्सिटी से कांस्टीट्यूएंट और एफिलिएटेड कॉलेजेज में भी इन्हीं पोस्ट्स के लिए स्टूडेंट्स इलेक्शन में खड़ा हो सकेंगे। दीगर है कि कॉलेजेज से चुनकर आए स्टूडेंट्स लीडर्स ही यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए होनेवाले इलेक्शन में वोटिंग करते हैैं।

स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस का रोल
रांची यूनिवर्सिटी के प्रपोज्ड स्टूडेंट्स यूनियन का इलेक्शन चाहे डायरेक्ट हो या इनडायरेक्ट। इलेक्शन में एनएसयूआई, झारखंड छात्र मोर्चा, एबीवीपी, आदिवासी छात्र संघ, झारखंड छात्र संघ, आदिवासी मूलवासी छात्र मोर्चा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन और झारखंड छात्र विकास मोर्चा इंपॉर्टेंट रोल प्ले करेंगे। इन ऑर्गनाइजेशंस की ओर से इलेक्शन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।

डायरेक्ट-इनडायरेक्ट का पेंच  
इलेक्शन डायरेक्ट हों या इनडायरेक्ट। इसी पेंच में रांची यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन बार-बार टलते रहे हैैं। गौरतलब है कि 2007 में हुए इलेक्शन के बाद 2011 में फिर से स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने की यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने पहले तो अनाउंसमेंट कर दी, पर बाद में सिक्योरिटी का हवाला देते हुए इलेक्शन टाल दिए। इस बाबत तत्कालीन वीसी का कहना था कि कुछ कॉलेजेज नक्सल अफेक्टेड एरियाज में सिचुएटेड हैैं, ऐसे में बिना प्रॉपर सिक्योरिटी अरेंजमेंट के इलेक्शन कराना पॉसिबल नहीं है। फिर, 2012 में फिर से स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को यूनिवर्सिटी ने हरी झंडी दिखाई। इलेक्शन प्रोसेस भी शुरू कर दिया गया। कॉलेजेज को इलेक्शन के सिलसिले में नोटिस भी जारी कर दी गई। कई कॉलेजेज में वोटर्स लिस्ट को भी फाइनल टच दे दिया गया था, पर ऐन मौके पर इलेक्शन टल गए।

क्या है इलेक्शन की प्रॉसेस?
स्टूडेंट्स यूनियन के डायरेक्ट इलेक्शन प्रॉसेस के तहत यूनिवर्सिटी लेवल पर ही इलेक्शन कंडक्ट होता है। यूनिवर्सिटी लेवल पर खड़ा होनेवाले कैंडिडेट्स को डिफरेंट कॉलेजेज के स्टूडेंट्स वोट करते हैं। जबकि, इनडायरेक्ट प्रॉसेस में पहले कॉलेज लेवल में स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन होते हैं। इन इलेक्शन में जो जीतकर आते हैं, उन्हें ही यूनिवर्सिटी लेवल पर होनेवाले इलेक्शन में खड़ा होनेवाले कैंडिडेट्स को वोट देने का अधिकार होता है। आरयू में इसी प्रॉसेस से इलेक्शन होता है।