RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी के बाद बने कोल्हान यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव का रिजल्ट आ गया, लेकिन आरयू में अब तक नोटिफिकेशन पर ही संस्पेंस बना हुआ है। इस बार भी यहां छात्र संघ चुनाव को लेकर कई ऐसी पेंच हैं, जिसके आधार पर फिर चुनाव टलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके कई कारण हैं।

पीजी व कॉलेजों में बाकी है एडमिशन

आरयू में छात्र संघ चुनाव टलने का प्रमुख कारण इलेक्शन के दौरान एडमिशन बन रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन सितंबर व अक्टूबर में इलेक्शन करवाने की बात कह रहा है। लेकिन अब तक पीजी के सेकेंड शिफ्ट में एडमिशन का काम ही पूरा नहीं हो पाया है। वहीं इलेक्शन के समय एग्जाम भी नहीं लेने का निर्देश राजभवन की ओर से यूनिवर्सिटी को दिया गया था। इसके अलावा कई कॉलेजों में अभी तक एडमिशन की प्रक्रिया ही चल रही है। साथ ही सरकार की ओर से लिए गए सेकेंड शिफ्ट क्लास के डिसीजन के बाद कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू करनी है। इसके लिए सरकार ने फंड भी दे दिया है।

दो सेशन में चुनाव का विरोध

यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्र संगठनों का विरोध शुरू हो गया है। दो शिफ्ट में इलेक्शन को लेकर कुछ छात्र संगठन तैयार नहीं है। उनका कहना है कि अगर इलेक्शन के दौरान इतना अंतराल रहता है तो वोट की खरीद फरोख्त की आशंका है। बैलेट बॉक्स को इतने दिन सुरक्षित रख पाना भी मुश्किल है। इस कारण इलेक्शन में समस्या उत्पन्न हो सकती है।

पहले पूरी हो डिमांड, फिर चुनाव

छात्र संगठनों की भी डिमांड ऐसी है कि जिसे यूनिवर्सिटी पिछले तीन साल से पूरा नहीं कर पा रहा है। इसमें छात्र प्रतिनिधियों को उनके अधिकार, एफिलिएटेड कॉलेजों में इलेक्शन और इलेक्शन के समय में इतना गैप नहीं हो आदि मांगें शामिल हैं। छात्र संगठनों का कहना है कि अगर इलेक्शन का नोटिफिकेशन जारी करना है तो सबसे पहले इन डिमांड को पूरा किया जाए। बिना इसके नोटिफिकेशन जारी होता है, तो इसका विरोध किया जाएगा।

बॉक्स।

लंबे अंतराल के कारण पिछली बार भी कैंसिल हुआ था चुनाव

पिछले साल भी छात्र संघ चुनाव की तारीख की घोषणा की गई थी। लेकिन फेस्टिवल वेकेशन के बीच में पड़ जाने के कारण इलेक्शन के बीच में कई दिनों का अंतराल आ गया था। इसका एबीवीपी ने जमकर विरोध किया था। इसके बाद बाकी छात्र संगठनों के भी विरोध को लेकर चुनाव कैंसिल करना पड़ा था। यही नहीं, छात्र संघ चुनाव की तारीख रांची यूनिवर्सिटी में अब तक तीन बार जारी हुई और कोई न कोई कारण गिना कर चुनाव कैंसिल कर दिया गया।

क्या कहते हैं छात्र संगठन

कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर होने वाले चुनाव में लंबा अंतराल नहीं होना चाहिए। इसलिए यूनिवर्सिटी को इसके समय में बदलाव करना होगा, ताकि इलेक्शन के दौरान किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी न हो।

-याज्ञवल्क्य शुक्ला, प्रदेश संगठन मंत्री, एबीवीपी

दो शिफ्ट में छात्र संघ चुनाव का हम विरोध करते हैं। इससे वोट की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा इतने दिनों का अंतर रखने का कोई मतलब नहीं बनता है। इसलिए इस हाल पर इलेक्शन नहीं होना चाहिए।

-कुमार रौशन,एनएसयूआई

यूनिवर्सिटी पर ये निर्भर करता है कि वो कैसे और कब इलेक्शन करवाता है। किसी भी तरह से इलेक्शन का आयोजन किया जाए, हम उसके लिए हमेशा से तैयार हैं।

-हरीश कुमार,आजसू

क्या कहता है यूनिवर्सिटी प्रशासन

छात्र संगठनों की जो डिमांड है, उसे हमलोगों ने देखा है। अब देखते हैं कि इस पर क्या किया जा सकता है। हमारी तैयारी है कि छात्र संघ चुनाव हो।

-डॉ। सतीश चंद्र गुप्ता, डीएसडब्ल्यू,आरयू