वीसी रेजिडेंस के सामने ही बैठे
दोपहर सवा एक बजे एबीवीपी के बैनर तले ढेरों छात्रनेता और स्टूडेंट्स वीसी रेजिडेंस पहुंचे और उसके सामने ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए। कुछ ही समय में मौके पर चीफ प्रॉक्टर प्रो। ओपी पांडेय और पुलिस भी पहुंची। इन लोगों ने जब छात्रनेताओं को समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि जब तक वह वीसी से मिल नहीं लेते कहीं नहीं जाएंगे.

जबरदस्ती गेट खुलवाने की कोशिश
कुछ ही देर में इन लोगों का गुस्सा बढऩे लगा और उन्होंने जबरदस्ती वीसी के गेट को खुलवाने का प्रयास शुरू किया। मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर कैंट रविकांत पराशर ने इन लोगों को समझाकर गेट से अलग किया। इसके बाद यह लोग फिर से वहीं बैठ गए.

प्रॉक्टर को किया धरने पर बैठाने का प्रयास
काफी देर तक वीसी से न मिल पाने के बाद इन लोगों ने चीफ प्रॉक्टर प्रो। पांडेय को जबरदस्ती अपने साथ धरने पर बैठने के लिए खींच लिया। उनको बचाने के लिए सामने आए गाड्र्स से भी इन लोगों की धक्का मुक्की हुई। किसी तरह से पुलिस ने प्रो। पांडेय को इन लोगों के बीच से निकाला.

सिटी मेजिस्ट्रेट के आने पर हुई वीसी से मुलाकात
मामला बढऩे पर इसकी जानकारी सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को दी गई। कुछ ही समय में सिटी मेजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह स्पॉट पर पहुंचे और इन लोगों से बात शुरू की। छात्रनेताओं का कहना था कि वह एक बार वीसी से मिलकर अपनी बात कह दें तो वापस चले जाएंगे। इसके बाद सिटी मेजिस्ट्रेट ने वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी से बात की और 7 छात्रनेताओं के एक दल को वार्ता के लिए अंदर ले गए.

वीसी ने कहा मुझे भी है टेंशन
वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी ने छात्रनेताओं से बात करते में कहा कि वह खुद भी पेपर आउट होने की बात को लेकर काफी टेंशन में हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए एग्जाम्स को पोस्टपोंड किया गया है जिससे व्यवस्था में सुधार किया जा सके। प्रदर्शन के दौरान छात्रनेता नीरज शाही, श्याम सिंह, राजीव जायसवाल, घनश्याम शाही, उमंग सिंह, रणजीत राय आदि उपस्थित रहे.


कहीं रह न जाए छात्रसंघ चुनाव
छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री नीरज शाही के अनुसार एग्जाम में इस अव्यवस्था से छात्रसंघ चुनाव पर खतरा मंडराने लगा है। उसने बताया कि तीन पेपर आउट होने की वजह से निरस्त हुए और 2 से 5 तक के पेपर को पोस्टपोंड किया गया। यह सभी पेपर्स बाद में कराए जाएंगे। जाहिर है कि इसकी वजह से एग्जाम देर तक चलेंगे और अपकमिंग सेशन का एडमिशन प्रोसेस भी लेट होगा। लिंगदोह कमेटी के अनुसार सेशन शुरू होने के 8 वीक के अंदर छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए। नीरज का कहना है कि इन सिचुएशन्स में ऐसा होना पॉसिबल नहीं है और मिड सेशन में चुनाव कराया नहीं जा सकता.

एंड मूमेंट पर एडमिशन से बिगड़ी व्यवस्था
एग्जाम से जस्ट पहले तक एडमिशन प्रोसेस चलने से भी एग्जाम में काफी मिस मैनेजमेंट हुआ। जैसे जनवरी में कुछ कालेजों में सीट्स की संख्या बढ़ाई गई। इसके बाद अभी तक स्क्रूटनी और बैकपेपर के रिजल्ट आ रहे हैं। जैसे-जैसे रिजल्ट क्लियर हुए और सीट्स डिसाइड हुईं वैसे-वैसे एग्जाम में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती गई। जबकि यूनिवर्सिटी ने क्वेशचन पेपर पहले ही प्रिंट कर लिए थे। ऐसे में जिन जब कॉलेजों को क्वेशचन पेपर भेजे गए तो वह कम पड़ गए। इसकी वजह से कई पेपर्स फोटोकॉपी कराने की जरूरत पड़ी.

दूसरे सेंटर्स से पेपर लाने से हुई प्रॉब्लम
कुछ कॉलेजों में किसी पर्टिकुलर सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स की संख्या 1-2 में रही। सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे कॉलेजों में एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने यह कहा कि वह एग्जाम के दिन अपने पास के किसी सेंटर से उस पेपर की फोटोकॉपी कराके अपने यहां मंगा लें। ऐसी कंडीशन में पेपर का पैकेट एग्जाम से दो-ढाई घंटे पहले ही खोलने की जरूरत पड़ गई। इतने समय में अगर किसी को पेपर में आने वाले क्वेशचन पता चल जाते हैं तो वह उनको प्रिपेयर कर सकता है.