इन्होंने जानी दिल की बात

मेरठ कॉलेज में यूजीसी और नैक द्वारा बनाई गई इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल ने हाल ही में मेरठ कॉलेज के स्टूडेंट्स में सर्वे किया। इस सालाना सर्वे में सेल ने कुल 300 स्टूडेंट्स से ओपन फोरम बातचीत कर ये जानने की कोशिश की कि आखिर स्टूडेंट्स की कॉलेज से किस तरह की एक्सपेक्टेशंस हैं? कॉलेज में पढ़ाई का माहौल बनाने के लिए किस-किस तरह के बदलाव होने की जरुरत है? साथ ही स्टूडेंट्स से ये बात भी जानने की कोशिश की गई कि किसी टीचर या स्टाफ से उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं है? इस फोरम में डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स से बात की गई। आईक्यूएसी ने स्टूडेंट्स के तीन दिनों तक इस ओपन फोरम के सेशंस किए।

तो होने चाहिए एजुकेशनल टूर

मेरठ कॉलेज के स्टूडेंट्स ने फोरम में खुलकर बात सामने रखी और स्टूडेंट्स की पढ़ाई बेहतर बनाने के लिए कॉलेज में पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार करने को अपने सजेशंस भी दिए। स्टूडेंट्स की ओर से एक इंपॉर्टेंट बात ये निकलकर आई कि जिस तरह से अन्य शहरों में स्टूडेंट्स के लिए एजुकेशनल टूर ऑर्गनाइज किए जाते हैं उसी तरह से यहां भी हों। वहीं उन्होंने एसीडी प्रोजेक्टर से पढ़ाई कराने की अपनी सिफारिश रखी।

बेस्ट स्टूडेंट्स के बेस्ट टीचर भी

वहीं स्टूडेंट्स ने भी कहा कि जिस तरह से हर साल बेस्ट स्टूडेंट का नाम कॉलेज के बोर्ड पर लगाया जाता है, उसी तरह से बेस्ट टीचर का नाम भी बोर्ड पर हो। ताकि टीचर को भी अपने ऊपर गौरवान्वित होने का मौका मिल सके। साथ ही स्टूडेंट्स के साथ बाकी टीसर्च में भी मैसेज जाएगा और भी बच्चों के साथ मेहनत करेंगे। आईक्यूएसी की टीम को इस तरह के कुल 35 सजेशंस दिए हैं।

कोर्सेस और टीचर्स का पैमाना

टीम ने करीब 300 स्टूडेंट्स कॉलेज में पढ़ाए जा रहे कोर्सेज और टीचर्स  के बारे में क्वेश्चनेयर से जानने की कोशिश की। 10 पैरामीटर्स रखे गए, जिसमें वेरी गुड, गुड, सैटिसफैक्टरी, अनसैटिसफैक्टरी में जवाब देने को कहा गया। कोर्सेज के पैरामीटर्स में रखा गया कि कोर्स के कंटेंट में डैप्थ है या नहीं, कोर्स में नॉलेज, कॉन्सेप्ट, स्किल और एनालिटिकल एबिलिटीज कवर हो रहा है नहीं। अंत में कोर्स के बारे में  ओवरऑल रेटिंग के बारे में पूछा गया है। इसी तरह से टीचर्स के नॉलेज, इंट्रस्ट, एसाइनमेंट, टेस्ट, कवेश्चन जेनरेशंस और ओवरऑल रेटिंग के बारे में जाना। पूरा फीडबैक कांफिडेंशियल रखा गया है, जिसकी रिपोर्ट कॉलेज के प्रिंसीपल को जाएगी। जहां जिसे नैक और यूजीसी को भी भेजी जाएगी।

स्टूडेंट्स के एडवाइस

- फर्स्ट, सेकंड और लास्ट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के बीच हफ्ते में ग्रुप डिस्कशन होना चाहिए।

- हर डिपार्टमेंट में क्विज कांप्टीशन होने चाहिए।

- कॉलेज एंट्री में स्टूडेंट्स के पास चेक होने चाहिए।

- हर हफ्ते हर डिपार्टमेंट में टेस्ट होने चाहिए।

- बेस्ट टीचर का नाम भी नोटिस बोर्ड में होना चाहिए।

- हर साल एजुकेशनल टूर ऑर्गनाइज होने चाहिए।

- हर डिपार्टमेंट में अलग से लाइब्रेरी होनी चाहिए।

- रॉबर्स एंड रेंजर्स की सुविधा होनी चाहिए।

"सेशंस हुए हैं। सेल की जैसे ही रिपोर्ट आएगी उस पर मैं काम शुरू कर दूंगा। अगर किसी स्टूडेंट्स को टीचर्स से दिक्कत है तो स्टूडेंट का नाम न ओपन करते हुए टीचर से भी बात की जाएगी."

- डॉ। एनपी सिंह, प्रिंसीपल मेरठ कॉलेज

"करीब 300 बच्चों से बात हुई है। उनके सजेशंस भी आए हैं। जिनकी रिपोर्ट बनाकर प्रिंसीपल को भेज दी जाएगी। उनपर काम भी होगा."

- डॉ। एपी सिंह, कॉर्डिनेटर, आईक्यूएसी

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