- कैम्पस में ले सकेंगे स्टूडेंट का ड्राइविंग टेस्ट

- अप्रूवल करने पर परिवहन विभाग बना कर भेजेगा ड्राइविंग लाइसेंस

LUCKNOW: स्कूल-कॉलेज के प्रिंसिपल भी जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। परिवहन विभाग की देखरेख में तैयार हो रही योजना के अंतर्गत इंटर स्कूलों के प्रधानाचार्यो को लाइसेंस जारी किए जाने की छूट दी जाएगी। उससे पहले उन्हें लाइसेंसिंग प्रक्रिया से जुड़ी कई अन्य जानकारियां दी जाएंगी जिससे वह आरटीओ कार्यालय की कार्य प्रणाली को बेहतर ढंग से समझ सके। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद आरटीओ ऑफिस में लाइसेंस के लिए लगने वाली भीड़ बहुत कम को जाएगी।

होगी काफी आसानी

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार दो पहिया लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या सबसे अधिक होती है। इनमें स्टूडेंट्स समेत कई लोग शामिल होते हैं। ऐसे में यदि स्कूलों में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाए तो वहां के स्टूडेंट्स आरटीओ ऑफिस नहीं पहुंचेंगे। सबसे खास बात यह कि लाइसेंस के लिए जरूरी सभी प्रपत्र स्कूल के पास होते भी हैं। वे स्टूडेंट्स के बारे में आरटीओ ऑफिस से अधिक जानकारी रखते हैं।

प्रधानाचार्य खुद लेंगे टेस्ट

वहीं लाइसेंस के लिए आवेदन अब ऑनलाइन होता है। ऐसे में किसी भी स्कूल से आवेदन प्रक्रिया की जा सकती है। आवेदन प्रक्रिया करने के बाद दो पहिया वाहन चालक को टेस्ट देने के लिए आरटीओ ऑफिस जाना होता है। लेकिन अपने कैम्पस के स्टूडेंट्स का टेस्ट प्रधानाचार्य खुद ले सकते हैं। वह कैम्पस में छात्र को अपने सामने गाड़ी चलवा कर देख सकेंगे। टेस्ट के दौरान प्रिंसिपल छात्र के वाहन चलाने से संतुष्ट होता है वह उसे ऑनलाइन अप्रूवल कर देगा। उसके अप्रूवल के बाद परिवहन विभाग उस छात्र के पते पर लाइसेंस जारी कर देगा। ऐसे मे छात्रों के पास दो विकल्प होंगे वे स्कूल या फिर आरटीओ दोनों जगह जहां चाहे वहां पर लाइसेंस बनवा सकेंगे।

कोट

स्कूलों में छात्रों से जुड़ी सभी जानकारियों होती है। ऐसे में प्रिंसिपल अपने यहां दो पहिया छात्रों को ड्राइविंग टेस्ट लेकर उनके लिए लाइसेंस जारी कर सकेगा। इस योजना पर अभी डिस्कशन चल रहा है। लेकिन इसके लागू होने से लाइसेंस जारी करने में आसानी होगी।

- पी गुरु प्रसाद, परिवहन आयुक्त