- द काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने इस सत्र में किया प्रयोग

- शैक्षिक सत्र के साथ ही पसंदीदा बुक भी पढ़ना होगा जरूरी

Meerut : बच्चों में पढ़ने की रुचि कम होने लगी है। खासतौर पर आठवीं तक के बच्चों में पढ़ाई को लेकर बोरियत आने लगी है। इसी बोरियत को दूर करने व पढ़ने की आदत पढ़ने की आदत बढ़ाने के लिए द काउंसिलिंग ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने एक खास बदलाव किया है। अब बच्चों को उनकी पसंदीदा बुक पढ़ने पर भी स्कूलों में नंबर देने का नया नियम बनाया गया है। यह बदलाव इसी सत्र मे देखने को मिलेगा।

नियम के दायरे में आठवीं तक

द काउंसिल ऑफ इंडिया स्कूल सर्टिफिकेट ने इसी सत्र में एक नया प्रयोग करने की तैयारी की है। अब आठवीं तक के स्टूडेंट को शैक्षिक सत्र में पसंदीदा व शिक्षाप्रद बुक्स पढ़ना जरूरी होगा। बुक्स से क्या सीख मिली और उसका चुनाव क्यों किया गया। इन सवालों के जवाब भी देने होंगे।

पहले भी हुआ था विचार

बोर्ड ने पिछले शैक्षिक सत्र में मनपसंद बुक पर मा‌र्क्स देने का नियम लागू करने का विचार किया था। अब इसे इस शैक्षिक सत्र से इसे शुरू किया जा रहा है। बोर्ड का मानना है कि स्टूडेंट्स में पढ़ने की आदत कम हो रही है। क्योंकि स्टूडेंट्स सिर्फ कोर्स की बुक ही पढ़ते हैं। बच्चों को साल में एक स्टोरी बुक भी पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है। यह किताब कौन सी होगी इसका चयन भी स्टूडेंट को ही करना होगा। लेकिन इसकी जानकारी टीचर या फिर प्रिंसिपल को दी जाएगी। बोर्ड अधिकारियों की मानें तो मनपसंद बुक से स्टूडेंट को क्या सीख मिली, इस पर कई तरह के सवाल पूछे जाएंगे। यह सवाल किताब की थीम पर आधारित होंगे। अगर बच्चे सवालों के सही जवाब देते हैं, तो ऐसे में उन्हें अच्छे मा‌र्क्स दिए जाएंगे। इसका निर्णय स्कूल प्रशासन द्वारा लिया जाएगा। इन अंकों को फाइनल एग्जाम के बाद जोड़ा जाएगा। ऑल सेंट की टीचर क्रिस्टिना के अनुसार यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है, इससे बच्चों में नैतिक शिक्षा के गुणों की भावना जागृत होगी।