जिले के सभी स्कूलों को पत्र व पत्रिकाओं का कराना पड़ेगा प्रकाशन

स्टूडेंट्स में साहित्य व लेखन प्रतिभा निखारने के लिए डीआईओएस ने तैयार की रणनीति

ALLAHABAD: अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अंदर छिपी साहित्य लेखन शैली को भी निखारा जाएगा। इसके लिए विद्यालय प्रशासन को मासिक, तैमासिक, वार्षिक पत्र एवं पत्रिकाओं का प्रकाशन कराना पड़ेगा। इस रचनात्मक कार्य को अमल में लेआने की तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है। डीआईओएस की ओर से इसके लिए प्लान तैयार किया जा चुका है।

सभी स्कूलों को जारी होगा पत्र

बच्चों में राइटिंग स्किल विकसित करने की मंशा से बनाई गई योजना को जल्द ही स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसके लिए विद्यालयों को अधिकारी बाकायदा लिखित रूप से निर्देश पत्र जारी करेंगे। अफसरों की मानें तो योजना को शुरू करने के पीछे बच्चों के सर्वागीण विकास में प्रोत्साहन की मंशा छिपी है। अक्सर देखा जाता है कि बच्चे सिर्फ पढ़ाई में ही उलझे रहते है। जिससे उनका अन्य क्षेत्रों से कोई खास सरोकार नहीं होता।

साहित्य को मिलेगा बढ़ावा

इलाहाबाद साहित्य की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों में राइटिंग स्किल बढ़ने से उनकी दिलचस्पी कोर्स की पढ़ाई के साथ ही साहित्य की तरफ भी बढ़ेगी। इस समाचार पत्र या पत्रिका में बच्चों के लेख ही प्रकाशित किए जाएगे। इसके लिए शीघ्र ही तहसील लेवल पर सभी स्कूलों की मीटिंग बुलायी जाएगी और आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाएगे।

बजट की नहीं होगी समस्या

मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक पत्र- पत्रिकाओं के प्रकाशन पर आने वाले खर्च के बारे में डीआईओएस ने कहा कि स्कूल में बच्चों से ली जाने वाली फी में पत्र पत्रिका के नाम पर भी पैसे लिए जाते है। इस योजना को शुरु होने से इन पैसों का सही प्रयोग हो सकेगा और बच्चों में नई चेतना भी बढ़ेगी। इसके लिए टीचर्स को भी बच्चों को प्रोत्साहित करना होगा। जिससे उनकी रूचि इस तरफ बढ़ सके।

वर्जन

योजना को लेकर तैयारी की जा चुकी है। जल्द ही इसके लिए निर्देश पत्र जारी किया जाएगा। इससे बच्चों में लेखन के प्रति रुचि पैदा होगी।

राजकुमार यादव, डीआईओएस